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मुंह से मुंह नहीं लगाना चाहते हैं तो कोई बात नहीं, कम से कम हाथ से तो दबाओ

sudden cardiac arrest  होने  पर प्राथमिक उपचार का नया तरीका तैयार करने वाले डॉ हितेन्‍द्र महाजन निकले हैं मुंबई से माउंट एवरेस्‍ट साइकिल यात्रा पर  

यात्रा का उद्देश्‍य है सभी लोगों में जागरूकता फैलाना, गुरुवार को पहुंचेंगे लोहिया संस्‍थान

 

लखनऊ। sudden cardiac arrest  होने पर किसी भी वयक्ति द्वारा दिया जाने वाले प्राथमिक उपचार में सहायता करने वाला व्‍यक्ति अगर उस मरीज के मुंह से मुंह मिलाकर सांस नहीं देना चाहता है तो कोई बात नहीं, उसकी छाती को ही दबाकर भी उसकी जान बचायी जा सकती है। कुछ इसी तरह का संदेश देने मुंबई से माउंट एवरेस्‍ट बेस कैम्‍प के लिए समुद्र से आसमान ‘Sea to Sky’ कैंपेन के लिए साइकिल से निकले डॉ हितेन्‍द्र महाजन गुरुवार को उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया संस्‍थान पहुंच रहे हैं।

 

यह जानकारी संस्‍थान के मीडिया प्रवक्‍ता डॉ भुवन तिवारी ने देते हुए बताया कि डॉ हितेन्‍द्र महाजन का कहना है कि जब व्‍यक्ति को sudden cardiac arrest  होता है तो वह कहीं भी हो सकता है इसलिए जरूरत इस बात की है कि सभी को ऐसे समय मरीज को बचाने के लिए क्‍या करना चाहिये, यह पता होना जरूरी है। सामान्‍य तौर पर मुंह से सांस देने के साथ ही छाती को दबाकर मरीज को प्राथमिक उपचार देना सिखाया जाता है, लेकिन बहुत से लोग मुंह से सांस देने से कतराते हैं, उनके मन में इसे लेकर कई तरह की शंकाएं उठती हैं कि कहीं उन्‍हें भी रोग न लग जाये या मरीज ने कुछ ऐसा न खाया हो जिससे उसे भी नुकसान हो जाये… आदि-आदि। डॉ तिवारी ने बताया कि ऐसी स्थिति में लोग मरीज को प्राथमिक उपचार देने के लिए सामने नहीं आते हैं और मरीज की जान को खतरा बढ़ जाता है।

 

उन्‍होंनें बताया कि लोगों की इस हिचक को समाप्‍त करने के लिए मुंबई के डॉ हितेन्‍द्र महाजन ने विशेष प्रकार से सिर्फ छाती दबाकर मरीज को प्राथमिक उपचार देने की विधि कम्‍प्रेशन ओनली लाइफ सपोर्ट Compression only life support (COLS) बनायी बल्कि इसके प्रति आम आदमी में जागरूकता के लिए मुंबई से माउंट एवरेस्‍ट बेस कैम्‍प के लिए साइकिल यात्रा करने की ठानी।

 

डॉ तिवारी ने बताया कि डॉ महाजन गुरुवार को संस्‍थान पहुंचेंगे तथा इस विधि के बारे में विस्‍तार से जानकारी देते हुए अपना संदेश समाज के हर वर्ग के लिए देंगे। उन्‍होंने बताया कि इस सम्‍बन्‍ध में संस्‍थान के एनेस्‍थीसियोलॉजी और सीसीएम विभाग ने विभागाध्‍यक्ष प्रो दीपक मालवीय के निर्देशन में सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

 

आपको बता दें कि यदि किसी व्‍यक्ति को sudden cardiac arrest हुआ है, ऐसे में उसके लिए शुरुआत का एक घंटा सुनहरा होता है, इस एक घंटे में मरीज को न सिर्फ डॉक्‍टर के पास पहुंचाना है बल्कि‍ डॉक्‍टर के पास पहुंचने तक उसे प्राथमिक उपचार भी देना चाहिये जिससे मरीज की जान बचायी जा सके।