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20-20 स्‍टाइल में रोगियों को कैंसर का इलाज देने के लिए विशेषज्ञ एक प्‍लेटफॉर्म पर

-सभी रोगियों के 20 फीसदी कम खर्च पर तथा गरीबों को सिर्फ 20 फीसदी खर्च पर मिलेगा इलाज

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। 1.कहीं मुझे कैंसर तो नहीं… 2.मुझे कैंसर की शिकायत है… 3.मेरा कैंसर का ऑपरेशन हो चुका है, मुझे कीमोथेरेपी बतायी है डॉक्‍टर ने…, 4.मेरे परिजन जो कि कैंसर से काफी वर्षों से ग्रस्‍त हैं, उनका बहुत इलाज कराया लेकिन ठीक नहीं हुआ, अब तो डॉक्‍टर भी उम्‍मीद छोड़ चुके हैं, और कहा कि घर ले जाओ समझ में नहीं आ रहा है इनका दुख भी नहीं देखा जाता है क्‍या करूं… ये वे प्रश्‍न हैं जो मरीज व उनके तीमारदारों के जहन में रहते हैं। फोन कॉल पर पूछे जाने वाले इन सारे प्रश्‍नों का उत्‍तर और उचित सलाह देने की तैयारी कैंसर विशेषज्ञों की टीम ने की है। ओरल कैंसर विशेषज्ञ डॉ अनुराग यादव ने इसकी पहल करते हुए यह टीम तैयार की है। 20-20 में कोरोना काल के चलते कैंसर के रोगियों को हुई परेशानी को देखने के बाद 20-20 की स्‍टाइल में 20-20-20-20 की योजना बनाते हुए इस कार्य की शुरुआत की जा रही है।   

डॉ अनुराग यादव ने इस बारे में आज यहां आईएमए भवन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए बताया‍ कि कोरोना के समय में कई कैंसर मरीजों मरीजों को सही समय पर इलाज न होने की वजह से कैंसर एडवांस स्टेज में चला गया इस तरह की संभावित रुकावटों की वजह से कई बार मरीजों को सही समय सही स्थान और सही इलाज न मिल पाना उत्तर प्रदेश में काफी आम बात है। कैंसर मरीजों की इन्हीं मुश्किलों को देखते हुए यह एक संयुक्त  प्रयास है जिससे उत्तर प्रदेश के कैंसर रोगियों को प्रथम स्टेज जल्द पहचान व उपचार मिलने में आसानी होगी। उन्‍होंने कहा कि संभावित और पुष्‍ट रोगी कॉल सेवा नंबर 9359896249 पर व्‍हाट्सऐप या एसएमएस भेजकर या मिस्‍ड कॉल कर सकता है। मैसेज में पूछी गयी जानकारी का जवाब उन्‍हें मैसेज से ही मिल जायेगा लेकिन जो रोगी मिस्‍ड कॉल देंगे उन्‍हें हमारी तरफ से फोन करके उनकी समस्‍या को हल किया जायेगा।

डॉ यादव ने बताया कि यह नवीन प्रयास कोरोना साल 2020 में मरीजों की परेशानी महसूस करने के बाद शुरू किया गया। उन्‍होंने कहा कि टी-20 क्रिकेट मैच जैसा त्वरित परिणाम देगा। 20-20-20-20 का अर्थ है पूछी गयी जानकारी 20 घंटे में देना दूसरे 20 का अर्थ है 20 दिन के अंदर उसका डॉक्‍टर से परीक्षण करवा देना, तीसरे 20 का अर्थ है 20% कम खर्च पर इलाज की सुविधा देना एवं चौथे 20 का अर्थ है कम से कम 20% मरीजों की बीमारी के एडवांस स्टेज में बदलने से रोकना। उन्‍होंने बताया कि यदि मरीज की आर्थिक स्थिति कमजोर है तो उसे इलाज में 80 फीसदी तक की छूट मिल सकेगी। कॉल सेंटर का संचालन अमित गुप्ता, प्रतिमा गुप्ता एवं उनकी टीम द्वारा किया जाएगा एवं इसका निर्देशन दिल्ली की मीडिया डायरेक्टर स्वाति शुक्ला द्वारा किया जाएगा। उन्‍होंने बतया कि कॉल सेंटर में 14 घंटे की कॉल सेवा प्रतिदिन उपलब्ध होगी।

उन्‍होंने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं इंडियन डेंटल एसोसिएशन के साथ संगठित चिकित्सकों द्वारा इस पहल की शुरुआत एक कॉल सेंटर द्वारा की जाएगी जो कि निशुल्क होगा। कैंसर रोगियों के लिए इस कॉल सेंटर का खर्च संजीवनी एजुकेशन ग्रुप द्वारा किया जाएगा।

उन्‍होंने बताया कि प्रदेश के जाने-माने चिकित्सक जो कि कैंसर के उपचार से जुड़े हुए हैं वह इस कॉल सेंटर द्वारा उपलब्ध कराए गए मरीजों के ब्योरे द्वारा मरीजों की सहायता कर सकेंगे जिससे मरीजों को त्वरित उपचार संभव होगा और कैंसर को प्रथम स्टेज में ही पहचान कर उसका तुरंत इलाज संभव होगा। यही नहीं प्रदेश के जाने- माने कैंसर विशेषज्ञ इन मरीजों को संयुक्त रूप से देख सकेंगे। जो डॉक्‍टर अब तक इस मुहीम से जुड़ चुके हैं उनमें डॉ अनुराग के अलावा, लखनऊ के कैंसर विशेषज्ञ  डॉ नीरज टंडन, डॉ विभोर महेंद्रु, डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव, डॉ सुनील कुमार, डॉ राजीव पंत, डॉ निशी श्रीवास्तव, डॉ रोहिणी सिंह, डॉ उदिता दीवान, डॉ अक्षय शर्मा, डॉ गौरव विशाल, डॉ सौम्या भाटिया,  डॉ अभिज्ञान मानस, बरेली के कैंसर विशेषज्ञ डॉ अर्जुन अग्रवाल, डॉ चीना गर्ग, कानपुर के डॉ सृजन मुखर्जी, डॉ आतिश कुंडू, डॉ सरदार सिंह, गाजियाबाद के डॉ संजीव कुमार व डॉ सुकुमार सिंह शामिल हैं।

उन्‍होंने बताया कि दो संस्थाएं इस कार्य में रोगियों को त्वरित व कम खर्च में इलाज में सहायता प्रदान करेंगी जिसमें डॉ पी के गुप्ता द्वारा संचालित पी के पैथोलॉजी, लखनऊ एवं रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज बरेली के नाम प्रमुख हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मरीजों को रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एवं रामा  कॉलेज कानपुर एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के मरीजों को लखनऊ में त्वरित उपचार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जरूरत पड़ने पर गरीब मरीजों की सहायता के लिए केजीएमयू के डॉ यू एस पाल, राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान एवं संजय गांधी पीजीआई के चिकित्सकों की सहायता ली जाएगी। उन्‍होंने बताया कि भविष्य में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं इंडियन डेंटल एसोसिएशन से संबद्ध चिकित्सकों को भी सम्मिलित किया जाएगा।

पत्रकार वार्ता में उपस्थित पीके पैथोलॉजी के संचालक डॉ पीके गुप्‍त ने बताया कि यह अच्‍छी पहल है। उन्‍होंने कहा कि मुझे उम्‍मीद है कि इससे आमजन को लाभ मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि इस तरह की योजना बनाकर की जा रही इस ईमानदार कोशिश को सफल तभी माना जा सकता है जब इसका लाभ मरीज और उसके तीमारदार को महसूस हो।