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संजय गांधी पीजीआई में अब तक किडनी ट्रांसप्‍लांट सहित 500 से अधिक रोबोटिक सर्जरी

-यूरोलॉजी, गैस्ट्रो इंटेस्टाइन, कार्डियोवैस्कुलर और एंडोक्राइन की सर्जरी हो रही रोबोटिक विधि से

-एसजीपीजीआई रोबोटिक सर्जरी से किडनी ट्रांसप्‍लांट करने वाला पहला सरकारी संस्‍थान

-रोबोटिक सर्जरी में उपलब्धि पर निदेशक ने दी बधाई, कहा जल्‍द ही एक और रोबो‍टिक प्रणाली मिलेगी संस्‍थान को

-प्रो एमएस अंसारी और प्रो शांतनु पाण्‍डेय ने आयोजित पत्रकार वार्ता में दी जानकारी  

संजय गांधी पीजीआई में 21 दिसम्‍बर, 2022 को आयोजित पत्रकार वार्ता में मौजूद रहे बायें से प्रो शांतनु पाण्‍डेय व प्रो एमएस अंसारी

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान 500 से अधिक रोबोटिक सर्जरी करने वाला संस्‍थान हो गया है, इनमें किडनी ट्रांसप्‍लांट सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी सहित 65 फीसदी सर्जरी यूरोलॉजी में हुई हैं। एसजीपीजीआई रोबोटिक सर्जरी से किडनी ट्रांसप्‍लांट करने वाला देश का पहला सरकारी संस्‍थान है। संस्‍थान में रो‍बोटिक सर्जरी की सुविधा यूरोलॉजी, गैस्ट्रो इंटेस्टाइन, कार्डियोवैस्कुलर और एंडोक्राइन की सर्जरी में उपलब्‍ध है। एसजीपीजीआई में रो‍बोटिक सर्जरी की सुविधा अप्रैल 2019 में शुरू हुई थी।

यह जानकारी आज 21 दिसम्‍बर को संस्‍थान के यूरोलॉजी विभाग में आयोजित एक प्रेस वार्ता में देते हुए यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्‍यक्ष प्रो एमएस अंसारी ने दी। प्रेस वार्ता में कार्डियोवैस्‍कुलर सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ शांतनु पाण्‍डेय भी मौजूद थे।

प्रो अंसारी ने बताया कि यूरोलॉजी और रीनल प्रत्यारोपण विभाग में प्रोस्टेट कैंसर (रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी), किडनी कैंसर (रेडिकल एंड पार्शियल नेफरेक्टोमी), किडनी ब्लॉकेज (पाइलोप्लास्टी) और यूरेटर्स (रीइम्प्लांटेशन), कम क्षमता वाला यूरिनरी ब्लैडर (ऑग्मेंटेशन सिस्टोप्लास्टी), न्यूरोजेनिक ब्लैडर (मिट्रोफानॉफ), यौन विकास के विकार और गुर्दा प्रत्यारोपण किये जाते हैं।

इसी प्रकार सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभागमें खाने की नली के कैंसर की सर्जरी (रोबोटिक थोरैकोस्कोपिक एसोफैगक्टोमी), पित्त की सर्जरी (Biliary stricture के लिए hepatico jejunostomy, कोलेडोकल सिस्ट, हेपेटिक-लिथियासिस, सीबीडी स्टोन), अग्नाशय के ट्यूमर के लिए अग्नाशय की सर्जरी (स्पलीन प्रिजर्विंग डिस्टल पैनक्रिएटक्टोमी), कोलो-रेक्टल कैंसर सर्जरी (एंटीरियर रिसेक्शन, एब्डोमिनो-पेरिनियल रिसेक्शन, हेमीकोलेक्टॉमी), एसोफैगल नॉन-कैंसर सर्जरी (ट्रैकियोएसोफैगल फिस्टुला, लेयोमायोमा, डेंचर इम्पेक्शन, जीआईएसटी) शामिल हैं।

पत्रकार वार्ता में मौजूद डॉ शांतनु पाण्‍डेय ने बताया कि कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में जनवरी 2021 से रोबोटिक सर्जरी करना शुरू किया। उन्‍होंने बताया कि कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के कारण इसमें कुछ व्यवधान हुआ, तब से विभाग ने 46 प्रक्रियाओं का निष्पादन किया। इनमें से अधिकांश रोबोटिक असिस्टेड कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग (RACAB) हैं। उन्‍होंने बताया कि यह कोरोनरी धमनी रोग के लिए एक अत्यधिक विशिष्ट ऑपरेशन है, जिसमें 2 इंच का छोटा चीरा लगाया जाता है। विभाग ने अब तक ऐसी 38 प्रक्रियाएं की हैं और उनमें से अधिकांश multi vessel disease (बहुवाहिनी) रही हैं। अन्य प्रक्रियाएं थोरैसिक प्रक्रियाएं हैं, जिनमें ट्यूमर और फेफड़े की गांठ का excision और resection शामिल हैं। लोबेक्टोमी (फेफड़े के एक हिस्से को निकालना) एक जटिल ऑपरेशन भी विभाग में किया गया है।

इस तरह होती है रोबोटिक सर्जरी

क्‍या है रोबोटिक सर्जरी

पत्रकार वार्ता में बताया गया कि रोबोटिक सर्जरी से, जिसे रोबोट-असिस्टेड सर्जरी भी कहा जाता है, सर्जन कई प्रकार की जटिल सर्जरी को लैप्रोस्कोप या ओपन सर्जरी जैसी पारंपरिक तकनीकों की तुलना में अधिक सटीकता, लचीलेपन और नियंत्रण के साथ कर सकते हैं।

उन्‍होंने बताया कि रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम में एक कैमरा आर्म और 3 से 4 मैकेनिकल आर्म्स के साथ सर्जिकल उपकरण जुड़े होते हैं। ऑपरेटिंग टेबल के पास एक कंप्यूटर कंसोल पर बैठे हुए सर्जन आर्म्स को नियंत्रित करता है। यह कंसोल सर्जन को सर्जिकल साइट का हाई-डेफिनिशन, बढ़ा हुआ, 3-आयामी (3डी) दृश्य देता है। यह सर्जन टीम के अन्य सदस्यों का नेतृत्व करता है जो ऑपरेशन के दौरान सहायक होते हैं।

रोबोटिक सर्जरी के लाभ

प्रो अंसारी बताते हैं कि रोबोटिक सर्जरी वास्तविक अर्थों में एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी है, जिसमें छोटे चीरे लगते है, जो बहुत कम निशान छोड़ते हैं और मुश्किल से दिखाई पड़ते हैं। इस कारण यह कॉस्मेटिक दृष्टिकोण से भी लाभप्रद है। इसमें खून का स्राव और दर्द कम होता है। साथ ही अस्पताल में रहने का कम समय, शीघ्र स्वास्थ्य लाभ होना और जल्दी ही नियमित दिनचर्या पर लौटने की सुविधा होती है।

एसजीपीजीआई में रोबोटिक सर्जरी की लागत

प्रो अंसारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने संजय गांधी पी जी आई के लिए इस अत्याधुनिक रोबोटिक प्रणाली में निवेश कर रोबोटिक सर्जरी को राज्य के लोगों तक पहुंचाया है। इसी कारण संस्थान में रोबोटिक सर्जरी का खर्च निजी क्षेत्र के कॉर्पोरेट अस्पतालों की लागत की अपेक्षा मात्र 20 फीसदी ही है, यानी दूसरे शब्‍दों में कहा जाये तो यहां के रो‍बोटिक सर्जरी के व्‍यय के मुकाबले कॉरपोरेट सेक्‍टर में सर्जरी का खर्च पांच गुना है।  

संस्थान के निदेशक प्रो. आर के धीमन ने 500 से अधिक सफलतापूर्वक रोबोटिक सर्जरी करने की उपलब्धि हासिल करने के लिए इसे करने वाले सभी विभागों की पूरी टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ा है और अब हम राज्य के अधिक से अधिक इस सर्जरी की जरूरत वाले रोगियों की सर्जरी करने के लिए इस सुविधा को और बढ़ाने और दूसरी रोबोटिक प्रणाली खरीदने की स्थिति में हैं।

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