-सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण के बाद से निराश युवाओं को डॉ सम्यक तिवारी का संदेश
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। पिछले दिनों अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की असमय मृत्यु की खबर आने के बाद से यह खबर समाचारों की सुर्खियों में बनी हुई है। आरोप, प्रत्यारोप, जांच, अदालत होते हुए फिलहाल मामला देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के पास है। सुशांत सिंह राजपूत की छवि कुछ ऐसी थी और उसके बाद जो बातें सामने आयी हैं, उससे अब एक बड़ी संख्या में लोग विशेषकर हमारे युवा मामले की सच्चाई जानने का उत्सुक हो रहे हैं।
उत्सुकता यह जानने की है कि क्या सुशांत सिंह राजपूत ने वाकई आत्महत्या की है या फिर उसकी साजिशन हत्या कर उसे आत्महत्या करार देने की कोशिश की गयी है। खैर इस सच्चाई का पता लगाना तो तो सीबीआई का काम है, और वह यह काम कर भी रही है। इन सारी बातों के बीच हमारे युवाओं के मन में तरह-तरह के प्रश्न उठते रहते हैं। युवाओं के मन में उठ रहे प्रश्नों के बारे में मनोचिकित्सक डॉ सम्यक तिवारी बताते हैं कि उनके पास निराशा में डूबे हुए युवा अपनी समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं।
डॉ सम्यक तिवारी बताते हैं कि उनके पास पहुंचने वाले युवाओं की मन:स्थिति देखते हुए उन्होंने जरूरी समझा कि समाज के अनेक लोगों विशेषकर युवाओं तक उनका यह मैसेज पहुंचे, इसके लिए उन्होंने हमेशा की तरह एक मोटीवेशन वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने निराशा भरे हालातों को ऊबड़-खाबड़ सड़क पर चल रही जीवन की गाड़ी से तुलना करते हुए महत्वपूर्ण संदेश दिया है। डॉ तिवारी ने वीडियो में कहा है कि …टूटी हुई सड़क को पैच लगा कर बराबर किया गया है, जिससे सड़क कहीं ऊंची तो कहीं नीची हो गयी है नतीजा यह है कि जीवन की गाड़ी हिचकोले लेकर चल रही है, लेकिन पैच वाली सड़क हमेशा नहीं मिलेगी आगे शानदार तारकोल वाली चिकनी सड़क भी है…
इस संदेश को पूरी तरह से जानने के लिए देखें वीडियो