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एनसीसी के कैडेट्स व अधिकारियों को कोरोना वारियर्स बनायेगा केजीएमयू

-स्‍वेच्‍छा से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का किया गया है आह्वान

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। केन्द्र सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप तथा उसके प्रसार की रोकथाम के लिए इस लड़ाई में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन0सी0सी0) के 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के कैडेट्स और अधिकारियों को (जो कैडेट्स और अधिकारी स्वयं की इच्‍छा से शामिल होना चाहें) शामिल करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत एन0सी0सी0 के कैडेट्स और आधिकारियों को प्रशिक्षित किए जाने के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ को उत्तर प्रदेश का नोडल प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में चिन्हित करने का निर्णय किया है।

इस मुहिम के तहत किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा एक्सरसाइज एन0सी0सी0 योगदान के तहत उत्‍तर प्रदेश के लगभग एक लाख पच्चीस हजार एन0सी0सी0 कैडेट्स और अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उत्तर प्रदेश का एन0सी0सी0 निदेशालय भारत का सबसे बड़ा एन0सी0सी0 निदेशालय है।

इस बारे में जानकारी देते हुए चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने कहा कि कहा कि एन0सी0सी0 के प्रशिक्षित युवा कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए वर्तमान परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं और एक अतिरिक्त कार्यबल के रूप में अपनी सेवायें देंगे। उन्‍होंने बताया कि इसका विवरण निदेशालय राज्य सरकार में समन्वित किया गया है।

डॉ एके सिंह, डॉ प्रशान्त गुप्ता, डॉ शीतल वर्मा, डॉ आदर्श त्रिपाठी व डॉ विनय कुमार गुप्ता(बायें से दायें)

 

कुलपति ने बताया कि एन0सी0सी0 कैडेट्स और अधिकारियो को के0जी0एम0यू0 के विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा जिसमें प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रो ए0के0 सिंह, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ शीतल वर्मा व प्रो प्रशान्‍त गुप्‍ता, मनोचिकित्सा विभाग से डॉ आदर्श त्रिपाठी और पब्लिक हेल्‍थ डेंटेस्‍ट्री विभाग के डॉ विनय कुमार गुप्ता को शामिल किया गया है। प्रशिक्षकों के द्वारा चार ई-लर्निंग मॉड्यूल्स के माध्यम से वेबिनार तथा अन्य दूरस्थ प्रशिक्षण विधियों द्वारा प्रशिक्षित किया। उक्त प्रशिक्षण के दौरान एन0सी0सी0 कैडेट्स और अधिकारियों को कोरोना वायरस से संबंधित सामान्य जानकारी जैसे कि हाथ की स्वच्छता, खांसते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही शहरी क्षेत्रों में आमजन में सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने में सहायता, व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय, पर्यावरण स्वच्छता, राहत सामग्री का वितरण, भोजन, आवश्यक

वस्तुएं, दवाएं और उपचार का प्रशिक्षण प्रदान किए जाने के साथ ही इन कैडेट्स और अधिकारियों को आमजन को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक करना, यातायात प्रबंधन, डेटा प्रबंधन, पूछताछ केन्द्रों की निगरानी, सी0सी0टी0वी0 कंट्रोल रूम, सामाजिक भ्रांतियों से किस प्रकार निपटा जाए, मास्क और सैनिटाइज़र कैसे बनाए जाएं तथा समुदाय को वायरस के प्रति जागरूक किए जाने के साथ ही प्रशासनिक कार्यो में सहयोग के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा।