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सरकारी, निजी अस्‍पतालों, क्‍लीनिकों की सभी ओपीडी सेवाओं को शुरू करने के निर्देश

-फोन पर निर्धारित करें एक घंटे में चार से पांच मरीजों के आने का समय

-मरीज के सहयोगी के रूप में 10 वर्ष से कम और 60 वर्ष से ऊपर या गर्भवती साथ में न आये

-उत्‍तर प्रदेश के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की ओर से प्रमुख सचिव ने जारी किये निर्देश

सांकेतिक तस्‍वीर

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के मद्देनजर बीते मार्च माह से बंद की गई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) सहित सभी प्राइवेट क्लीनिकों, निजी अस्‍पतालों की सभी प्रकार की ओपीडी सेवाओं को प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में संक्रमण को लेकर दिशा-निर्देश का पालन करते हुए ओपीडी सेवाएं शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद द्वारा सभी जिलाधिकारियों और सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को भेजे गए पत्र में सरकार के इस निर्णय की जानकारी देते हुए दिशा निर्देश दिए हैं।

सीएचसी/पीएचसी के लिए

इन निर्देशों में कहा गया है कि सीएचसी और पीएससी पर आने वाले व्यक्तियों की इंफ्रारेड थर्मामीटर से स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी, एक रोगी के साथ सिर्फ एक तीमारदार को प्रवेश की अनुमति होगी, मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा, जुकाम, खांसी, बुखार या सांस में तकलीफ वाले रोगियों को पृथक रूप से देखा जाएगा, इसकी सूचना चिकित्सालय में सूचना चिन्हों के साथ प्रदर्शित करनी होगी ताकि ऐसे रोगी दूसरे रोगियों के साथ पंजीकरण काउंटर पर न जाएं। पंजीकरण काउंटर पर पर्चा बनाने वाला व्यक्ति मास्‍क एवं ग्लव्स का उपयोग करेगा।

मरीजों की संख्या ज्यादा होने पर पंजीकरण के काउंटर बढ़ाए जाएं तथा मरीजों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाए, निर्देशों में यह भी कहा गया है कि गैर संचारी रोग जैसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप आदि के रोगियों को 1 महीने की औषधियां उपलब्ध कराई जाएं जिससे रोगी को बार-बार चिकित्सालय में न आना पड़े। सभी चिकित्सकों एवं कर्मियों को मास्‍क एवं ग्लव्स का प्रयोग अनिवार्य है। चिकित्सालय परिसर में ओपीडी कक्ष में हाथ धोने की समुचित व्यवस्था की जाए इसी प्रकार ओपीडी कक्ष के बाहर प्रतीक्षारत क्षेत्र में भी सामाजिक दूरी संबंधित प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जाए।

प्राइवेट क्‍लीनिक्‍स के लिए

पत्र में प्राइवेट क्लीनिक के लिए दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि एक या दो चिकित्सक युक्त प्राइवेट क्लीनिक द्वारा ही ओपीडी सेवा प्रारंभ की जाए, यथासंभव रोगियों के लिए पहले से ही समय देकर ओपीडी का संचालन किया जाए ओपीडी के लिए प्रति घंटे 4 से 5 रोगियों को पहले से समय दिया जाए जिससे अनावश्यक भीड़ से बचा जा सके। सामाजिक दूरी, मास्क का प्रयोग, बार-बार हाथ धोना संबंधित प्रोटोकाल का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए, इसी प्रकार चिकित्सालय के चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ को कोविड-19 संबंधित प्रोटोकाल तथा इंफेक्शन, प्रिवेंशन प्रोटोकॉल का समुचित प्रशिक्षण प्राप्त होना चाहिए।

चिकित्सालय में मरीजों की स्क्रीनिंग करने के लिए एक पृथक स्थल एवं सुरक्षित स्क्रीनिंग व्यवस्था स्थापित एवं क्रियाशील हो। इसी प्रकार चिकित्सालय में मास्‍क, ग्लव्स इत्यादि समुचित मात्रा में एवं यथा आवश्यक पीपीई उपलब्ध हो। इसके अतिरिक्त चिकित्सालय परिसर के बाहर एवं अंदर के समस्त क्षेत्र का 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन द्वारा विसंक्रमण सुनिश्चित किया जाए। इसके अतिरिक्त बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की गाइडलाइंस का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

सभी के लिए सामान्‍य निर्देश

पत्र में कुछ सामान्य निर्देश भी दिए गए हैं इन निर्देशों में कहा गया है कि स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राइवेट क्लीनिक के फर्श, दीवारों, फर्नीचर, दरवाजे, हैंडल एवं अन्य तत्वों का हाइपोक्लोराइट घोल से नियमित विसंक्रमण किया जाए। इसके अलावा मरीज के सहयोगी के रुप में 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को अनुमति नहीं प्रदान की जाए। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र, प्राइवेट क्लीनिक में कोविड-19 के बचाव संबंधी आईईसी सामग्री प्रदर्शित की जाए।