-कैंसर अस्पतालों की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने व क्षमता वर्धन के लिए करार
सेहत टाइम्स
लखनऊ। प्रदेश के कमजोर वर्ग के लोगों को कैंसर का बेहतर इलाज मुहैया कराने को हरसंभव प्रयास चल रहे हैं । आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत भी कैंसर के इलाज की सुविधा मुहैया कराई जा रही है । इसको और सुदृढ़ बनाने के लिए शुक्रवार को एक नई पहल शुरू हुई है जो कि कमजोर वर्ग को कैंसर का गुणवत्तापूर्ण इलाज प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी । इसके तहत स्टेट हेल्थ एजेंसी साचीस का एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल और रोश इंडिया हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट के बीच एक करार हुआ है ।
इस करार के तहत एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल और रोश इंडिया हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट प्रदेश में कैंसर के गुणवत्तापूर्ण इलाज और देखभाल के लिए महत्वपूर्ण मानक तय करने के साथ ही कैंसर अस्पतालों के क्षमता वर्धन का भी काम करेंगे । आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्टेट एजेंसी फॉर कामप्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीस) के तत्वावधान में शुक्रवार को बुलाई गई एक बैठक में यह जानकारी दी गई । इस साझेदारी से ऑन्कोलॉजी देखभाल से जुड़े सेवा प्रदाताओं को राष्ट्रीय और राज्य के कैंसर रोग विशेषज्ञों का सहयोग मिलेगा और सरकार द्वारा तय मानक दिशा-निर्देशों और स्तन, मुख व फेफड़ों के कैंसर के उपचार के बारे में अत्याधुनिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा ।
इस मौके पर प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव रवींद्र कुमार ने साचीस, एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल और रोश इंडिया हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट की इस अनूठी पहल की सराहना की और कहा कि आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि इससे कैंसर के इलाज को और गुणवत्तापूर्ण बनाया जा सकेगा । उन्होंने कहा कि प्रदेश में कैंसर का सस्ता और सुलभ इलाज लोगों को मिले, इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं ।
बैठक में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एन. सी. प्रजापति ने कहा कि देश में हर वर्ष कैंसर से लगभग सात लाख मौत होती हैं । कैंसर के इलाज में मुख्य समस्या कैंसर की पहचान में देरी है, जिससे समय पर इलाज संभव नहीं हो पाता । वर्तमान में प्रदेश के जिलों में स्थापित मेडिकल कॉलेज कैंसर पीड़ितों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन उन्हें फंड का अभाव, विशेषज्ञों की कमी और दवाओं की उनुपलब्धता जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है । जहां एक ओर सरकार ने हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की पहल की है, वहीं यहाँ कैंसर रोगियों के लिए आवश्यक दवाएं और काउंसिलिंग सेवाएँ सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है ।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की अधिशाषी निदेशक डॉ. सुधा चंद्रशेखर ने सेवाओं की गुणवत्ता पर ज़ोर दिया । उनहोंने कहा कि स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइन (एसटीजी) के तहत आयुष्मान भारत योजना के लिए विशेष गाइडलाइन तैयार की गई है जिससे विभिन्न सम्बद्ध अस्पतालों में सेवाओं की गुणवत्ता को बनाए रखने और उनके दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी ।
साचीस की सीईओ संगीता सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश के 1.78 करोड़ से अधिक परिवारों को जोड़ा गया है और करीब 1.8 करोड़ का आयुष्मान कार्ड भी बन चुका है । करीब 10 लाख परिवारों ने मुफ्त इलाज की सुविधा भी प्राप्त की है । प्रदेश में करीब 65 फीसद निजी अस्पतालों के साथ 2855 अस्पतालों का एक बड़ा नेटवर्क योजना से जुड़कर लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया करा रहे हैं । राज्य में अब तक करीब 46 हजार आँकोलाजी के मामले दर्ज किए गए हैं जो कुल दावे के पाँच फीसद हैं। इनमें से 79 फीसद मेडिकल ऑन्कोलॉजी, 17 फीसद रेडिएशन ऑन्कोलॉजी और चार फीसद सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के तहत पंजीकृत हैं । राज्य में 350 से अधिक अस्पताल ऑन्कोलॉजी के इलाज के लिए सूचीबद्ध हैं, हालांकि अभी 21 फीसद ही सक्रिय रूप से आयुष्मान भारत योजना के तहत सेवा प्रदान कर रहे हैं । इस दिशा में एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल और रोश इंडिया का साथ मिलने से बड़ा बदलाव आएगा और कैंसर के इलाज को और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए इनके सुझावों की बड़ी भूमिका होगी । मेदांता जैसे बड़े अस्पतालों के नेटवर्क को भी इसमें शामिल किया जाएगा ताकि लोगों को और बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सके ।
एक्सेस हेल्थ के कंट्री डायरेक्टर डॉ. कृष्णा रेड्डी ने कहा कि कैंसर का इलाज लंबा चलता है और महंगा भी है । इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है ताकि खर्च को नियंत्रित करते हुए गुणवत्तापूर्ण इलाज मुहैया कराया जा सके । रोश इंडिया के चीफ एक्सेस आफिसर लक्ष्मण सेतुरमन ने कहा कि रोश इंडिया हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट का मुख्य उद्देश्य देश में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने में सहयोग करना है ताकि लोगों को गुणवत्तापूर्ण इलाज कम खर्च पर मिल सके । इसके लिए विशेषज्ञों की टीम तैयार करना ताकि अत्याधुनिक सुविधाओं से सभी सेवा प्रदाताओं को अवगत कराते हुए उनका क्षमता वर्धन किया जा सके ।
कार्यक्रम के अंत में विशेषज्ञों ने विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और सहयोगी संस्थाओं के प्रतिभागियों के सवालों के जवाब दिए और कहा कि कैंसर के इलाज संबन्धित ओरल दवाओं की उपलब्धता और प्राथमिक एवं उच्च इकाइयों में रेफरल सुविधाओं को मजबूत करने का प्रयास निश्चित तौर पर कैंसर रोगियों के लिए लाभकारी होगा । कार्यक्रम का संचालन एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल की डायरेक्टर प्रोग्राम्स हिमानी सेठी ने किया । कार्यक्रम में साचीस से डॉ. राजेन्द्र कुमार, डॉ. बी. के. पाठक, मनीषा त्रिपाठी और प्रदेश के कई कैंसर अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।