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एसजीपीजीआई के राजधानी कोरोना हॉस्पिटल में रोजाना 30 से 35 डायलिसिस हो रहीं

-कोरोना काल में एक बड़ी चुनौती थी संक्रमित और गैर संक्रमित गुर्दा रोगियों की डायलिसिस

-संक्रमित की कोविड हॉस्पिटल और गैर संक्रमित गुर्दा रोगियों की डायलिसिस विभाग में हो रही

प्रो अमित गुप्‍ता

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। कोविड-19 महामारी के इस दौर में गुर्दे की समस्‍या से ग्रस्‍त मरीजों की डायलिसिस बड़ी चुनौती है, विशेषकर वे गुर्दा रोगी जिन्‍हें कोरोना संक्रमण भी हो गया, इस चुनौती को संजय गांधी पीजीआई संस्‍थान ने स्‍वीकार किया और संस्‍थान के राजधानी कोरोना हॉस्पिटल में इस समय रोज लगभग 30 से 35 ऐसे गुर्दा रोगियों की डायलिसिस की जा रही है जिन्‍हें तुरंत डायलिसिस की आवश्‍यकता होती है। मार्च 2020 से अब तक लगभग यहाँ संस्‍थान के कोरोना अस्‍पताल में 450 डायलिसिस हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्‍त गैर संक्रमित गुर्दा रोगियों की विभाग में ही डायलिसिस की जा रही है।

यह जानकारी देते हुए नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रो अमित गुप्‍ता ने बताया कि कोविड-19 महामारी ने पूरे विश्व में चिकित्सा समुदाय के सामने नवीन चुनौतियां प्रस्तुत की हैं, विशेषतया उन मरीजों की चिकित्सा के संदर्भ में जिन्हें गुर्दे का संक्रमण है और जो डायलिसिस पर हैं। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के नेफ्रोलॉजी विभाग में ऐसे अनेक मरीजों के लिए, जिनकी हफ्ते में दो या तीन बार डायलिसिस होती थी और जो कोविड-19 संक्रमण से भी ग्रस्त हो गये थे,  डायलिसिस की एक अलग व्यवस्था की आवश्यकता थी। दूसरी ओर राजधानी कोरोना अस्पताल में भर्ती अनेकों संक्रमित मरीजों को गुर्दे की विषम समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं और उन्हें तुरंत डायलिसिस की आवश्यकता थी। संस्थान के नेफ्रोलॉजी विभाग ने इस चुनौती को पूरी गंभीरता के साथ स्वीकार किया और राजधानी कोरोना अस्पताल से ही डायलिसिस सेवाएं देना प्रारंभ करने की व्यवस्था की। डॉ गुप्‍ता बताते हैं कि अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हुए चार डायलिसिस नर्सेज और टेक्नीशियन पूरी मुस्तैदी से अपने काम में जुटे हैं।

उन्‍होंने बताया कि स्थिर अवस्था के मरीजों को आइसोलेशन में और गंभीर रूप से बीमार मरीजों को आईसीयू में रखने की व्यवस्था है।

इस समय विभाग की तरफ से राजधानी कोरोना अस्पताल में डायलिसिस की 10 मशीनें लगाई गई हैं। डायलिसिस के लिए RO treated  शुद्ध पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए पीजीआई के अन्य विभागों से portable RO मशीन भी मंगाकर राजधानी कोरोना  हॉस्पिटल में लगाई गई हैं जिससे डायलिसिस सेवाएं सुचारु रूप से चलाई जा सकें।

उन्‍होंने बताया कि राजधानी कोरोना हॉस्पिटल में आगरा, मेरठ, झांसी, इलाहाबाद इत्यादि शहरों से भी डायलिसिस की आवश्यकता वाले मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। लगभग सभी मरीज जो अन्य शहरों से उपचार के लिए यहां आए थे, उपचार प्राप्त कर और कोविड नि‍गेटिव की रिपोर्ट लेकर डिस्चार्ज कर दिए गए हैं। अभी तक राजधानी कोविड हॉस्पिटल में गुर्दे के संक्रमण से ग्रस्त लगभग 100 मरीजों को भर्ती किया गया है और एक बहुत बड़ी संख्या में मरीज ठीक हो कर डिस्चार्ज कर दिए गए हैं।

डॉ अमित गुप्‍ता ने कहा कि इस कोरोना संकट के काल में नेफ्रोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक, सीनियर रेजिडेट्स, तकनीशियन, नर्सेज और अन्य सभी स्टाफ पूरी क्षमता और समर्पण के साथ सभी चुनौतियां स्वीकार करने को तैयार है।