केजीएमयू के सर्जरी विभाग के स्थापना दिवस पर सीएमई सप्ताह का समापन
लखनऊ। अगर बचपन से खट्टी डकारें आने, खाना पचने में दिक्कत रहने की दिक्कत है तो इस दिक्कत को योग्य चिकित्सक को जरूर दिखायें, कयोंकि कुछ लोगों को जन्म से एक्लाशिया कार्डिया की शिकायत होती है, इस बीमारी में खाने की नली में सिकुड़न रहती है जिससे भोजन खाने की नली में ही रह जाता है पेट में नहीं पहुंच पाता है।
इस बीमारी के उपचार के बारे में आज यहां अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में केजीएमयू के सर्जरी विभाग के 107वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित छह दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा सीएमई के अंतिम दिन एम्स दिल्ली के प्रो राजेन्द्र प्रसाद ने बताया। उन्होंने बताया कि एक्लाशिया कार्डिया का उपचार दूरबीन विधि से सर्जरी से किया जाना संभव है। इस सर्जरी में भोजन की सिकुड़ी नली को चौड़ा किया जाता है, इसमें पेट से मांस लेकर खाने की नली में लगा दिया जाता है। आपको बता दें कि इस रोग का इलाज वर्तमान में केजीएमयू में हो रहा है तथा यह सर्जरी डॉ अवनीश, डॉ अक्षय आनंद कर रहे हैं।
मेडिकल स्टूडेंट सूचना और संचार तकनीक का अपनी स्टडी में करें इस्तेमाल
इटली से आये डॉ गियान बी परिजि ने डॉ एससी मिश्र व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए मेडिकल छात्रों को बताया कि वे किस प्रकार से आजकल सूचना और संचार तकनीकी का इस्तेमाल अपना ज्ञान बढ़ाने के लिए किस प्रकार कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पुस्तकों से पढ़ाई की प्राचीन पद्धति के साथ ही किस प्रकार नयी प्रणाली सूचना एवं संचार तकनीकी का इस्तेमाल करें। उन्होंने बताया कि साथ ही वे मरीजों के साथ किस प्रकार अपनी बात को संचारित करें साथ ही तनाव वाली परिस्थितियों में किस प्रकार से शांत रहें।
ब्रेस्ट कैंसर में कौन से टिशू निकालें, कौन से छोड़ें
चंडीगढ़ पीजीआई से आये डॉ गुरप्रीत सिंह ने डॉ पीसी दुबे व्याख्यान देते हुए ऑन्कोप्लास्टी से स्तन कैंसर के इलाज के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर में कौन से टिशू यानी ऊतक निकालें और कौन से छोड़ दें। उन्होंने बताया कि किस प्रकार कैंसर का उपचार करें कि स्तन का आकार न बदले। ऑन्कोप्लास्टी विधि से उपचार की सुविधा वर्तमान में केजीएमयू में की जा रही है। इस विधि से उपचार यहां डॉ गीतिका नंदा कर रही हैं।
स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता केजीएमयू के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में एसएसपीएचपीजीटीआई, नोएडा के निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा पूर्व कुलपति केजीएमयू प्रो0 डीके गुप्ता उपस्थित रहे।