कहीं ये दमा का आगाज तो नहीं, फेफड़ा रोग विशेषज्ञ ने बताये अस्थमा के अनेक लक्षण
लखनऊ। क्या आप जल्दी–जल्दी सर्दी-जुकाम के शिकार हो जाते हैं, बार-बार सांस फूलने लगती है, खांसी आने लगती है तो इसे नजरअंदाज मत करिये, इसे चिकित्सक को दिखाकर उसकी राय अवश्य लीजिये क्योंकि ये लक्षण दमा यानी अस्थमा के हो सकते हैं।
यह जानकारी यहां अजंता हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर के स्लीप डिस्ऑर्डर, फेफड़ा एवं श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ आशीष जायसवाल ने विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर देते हुए बताया कि वायु प्रदूषण के कारण वातावरण में अनेक दूषित पार्टिकल्स हवा में उड़ते रहते हैं जो कि सांस के साथ हमारे फेफड़े में चले जाते हैं, और फिर विभिन्न प्रकार की बीमारियां पैदा करते है। फेफड़े की इन्हीं बीमारियों में से एक है अस्थमा। उन्होंने बताया कि दमा के अन्य लक्षणों में सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज निकलना भी शामिल है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार जब-जब मौसम बदलता है तो कई व्यक्तियों की सांस फूलने लगती है और खांसी आने लगती है, ये लक्षण भी दमा की ओर इशारा करते हैं।
देखें वीडियो –डॉ आशीष जायसवाल बता रहे हैं श्वांस के रोगों केे बारे मेें
डॉ आशीष ने बताया कि बहुत से लोगों को जब वे दौड़ते हैं या व्यायाम करते हैं तो उन्हें खांसी आने लगती है, या फिर ये लोग धूल, धुएं, मिट्टी के सम्पर्क में आते हैं तो इनकी सांस फूलने लगती है, ये सारे लक्षण दमा के ही हैं। उन्होंने बताया कि इन लक्षणों का पता चलते ही लापरवाही नहीं करनी चाहिये क्योंकि चिकित्सक ही पुष्टि करेगा कि आप दमा के शिकार हैं या नहीं, और अगर हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि नियमित इलाज से दमा पर अच्छा नियंत्रण पाया जा सकता है।
इनमें से दो लक्षण हों, तो हो सकती है सीओपीडी
डॉ आशीष ने क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सीओपीडी के लक्षणों में भी कई संकेत शामिल हैं। उन्होंने छह लक्षणों के बारे में बताया कि इनमें से अगर दो लक्षण भी हों तो उस व्यक्ति को दमा हो सकता है। इन छह लक्षणों में शामिल हैं (1) व्यक्ति की आयु 40 वर्ष से ज्यादा है, (2) थोड़ा चलने में भी सांस फूलने लगती है (3) थोड़ा चलने के बाद आराम की जरूरत महसूस होती है (4) सुबह खांसी के साथ बलगम आता है (5) बार-बार श्वास की नलियों और फेफड़ों में संक्रमण बना रहता है और (6) व्यक्ति धूम्रपान करता है।
उन्होंने कहा कि इन छह लक्षणों में दो लक्षणों के होने पर भी सीओपीडी का खतरा हो सकता है, इसलिए लापरवाह न बनें, श्वास व फेफड़े के रोगों के विशेषज्ञ से सम्पर्क करें।