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राज्‍य कर्मियों को इलाज के लिए यूपी के बाहर रेफर न किये जाने पर एसजीपीजीआई को मानवाधिकार की नोटिस

-अच्‍छे से अच्‍छा इलाज कराना हर राज्‍य कर्मचारी का मूल मानव अधिकार : मानवाधिकार आयोग

सेहत टाइम्‍स  

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई), लखनऊ द्वारा राजकीय कर्मियों को अच्छी चिकित्सा के लिए राज्य के बाहर किसी अन्य अस्पताल के लिए सन्दर्भित (रेफर) न करने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए संस्थान को नोटिस जारी किया है। आयोग ने निदेशक से पूछा है कि वे 7 सितम्‍बर तक बतायें कि किन नियमों के अंतर्गत एसजीपीजीआई के डॉक्टरों द्वारा राज्य कर्मियों को इलाज के लिए प्रदेश से बाहर सन्दर्भित नहीं किया जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार आयोग के संज्ञान में आया है कि राजकीय कर्मियों का एसजीपीजीआई, लखनऊ में इलाज किया जाता है और यदि कोई राजकीय कर्मी इस संस्थान के द्वारा किये जा रहे इलाज से सन्तुष्ट नहीं है और वह प्रदेश से बाहर दिल्ली अथवा मुम्बई में किसी आति विशेषज्ञता वाले अस्पताल में इलाज कराना चाहता है तो ऐसी परिस्थिति में एसजीपीजीआई के डॉक्टरों द्वारा उस राजकीय कर्मी को प्रदेश से बाहर अच्छे इलाज के लिए संन्दर्भित नहीं किया जाता है।

आयोग ने कहा है कि किसी भी राज्य कर्मी का यह मूल-मानव अधिकार है कि वह अच्छे से अच्छा इलाज कराये ताकि उसका जीवन सुरक्षित एवं स्वस्थ रहे। संस्‍थान द्वारा संन्दर्भित न किये जाने पर वह राज्यकर्मी अपने इलाज के लिए राजकोष से धन आहरित करने में भी समर्थ नहीं हो पाता, जो कि चिन्ता का विषय है। एसजीपीजीआई के निदेशक से इस संदर्भ में जवाब 7 सितम्बर तक देने को कहा गया है।  

क्या कहते हैं निदेशक

प्रो आरके धीमन

इस बारे में ‘सेहत टाइम्‍स’ ने एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो आरके धीमन से पूछा तो उन्‍होंने कहा कि ऐसी कोई नोटिस उनके संज्ञान में नहीं है। प्रो धीमन ने कहा कि जैसा कि आप पूछ रहे हैं कि मरीज को हम रेफर नहीं करते हैं तो इस बारे में मैं बताना चाहता हूं कि जो सुविधा हमारे संस्‍थान में मौजूद है, उसके लिए हम दूसरे अस्‍पतालों को रेफर नहीं करते हैं। सिर्फ वे विभाग जो एसजीपीजीआई में उपलब्‍ध नहीं हैं उन विभागों के इलाज वाले मरीजों को ही हम रेफर करते हैं।

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