-अमेरिका से आयोजित वेबिनार के मंच पर डॉ गिरीश गुप्ता सिंगल स्पीकर के रूप में आमंत्रित

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। होम्योपैथिक दवाओं के गुणों को परखते हुए अपने निजी संसाधनों से रिसर्च सेंटर स्थापित करने वाले वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ गिरीश गुप्ता के शोध के चर्चे विदेशों में भी काफी हैं, बीते दिनों अमेरिका के मिशिगन के केएचए होम्योपैथिक स्टडी ग्रुप द्वारा होम्योपैथी 360 के संयुक्त तत्वावधान में होम्योपैथिक शिक्षा के लिए चलाये जा रहे कन्टीन्यूइंग एजूकेशनल क्रेडिट्स अभियान के तहत डॉ गिरीश गुप्ता को ऑनलाइन वेबिनार सीरीज में सिंगल स्पीकर के रूप में आमंत्रित किया गया।


कविता होलिस्टिक एप्रोच की फाउंडर कविता कुकुनूर ने संचालन की कमान सम्भालते हुए डॉ गिरीश गुप्ता का परिचय इस वेबिनार से जुड़े दुनिया भर के होम्योपैथिक डॉक्टरों एवं छात्रों से कराया। इस वेबिनार की शुरुआत मैक्सिको से डॉ रेगिना ने गायत्री मंत्र का पाठ करते हुए की। आपको बता दें स्त्री रोगों पर वर्ष 2017 में डॉ गिरीश गुप्ता द्वारा लिखी पुस्तक एवीडेन्स बेस्ड रिसर्च ऑफ होम्योपैथी इन गाइनीकोलॉजी Evidence-based Research of Homoeopathy in Gynaecology में डॉ गिरीश गुप्ता द्वारा अपने राजधानी लखनऊ स्थित गौरांग क्लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्योपैथिक रिसर्च में शोध करते हुए विभिन्न प्रकार के स्त्री रोगों को जिन होम्योपैथिक दवाओं से ठीक किया गया उसकी डायग्नोसिस, रोग होने के कारणों, सैकड़ों दवाओं में से उस रोगी के मानसिक व भौतिक लक्षणों के अनुकूल किये गये दवा के चयन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी सबूत सहित दी गयी है। ये शोध होम्योपैथिक जरनल्स में भी प्रकाशित हो चुके हैं। एलोपैथी में जिन स्त्री रोगों का इलाज सर्जरी से ही संभव है, उन रोगों के होम्योपैथिक दवाओं से इलाज और शोध की सफलता तथा होम्योपैथिक शिक्षा में इसके महत्व को देखते हुए ही इस कार्यक्रम की आयोजक अमेरिकी संस्था केएचए ने डॉ गिरीश गुप्ता को अपनी वेबिनार सीरीज में एक माह में दूसरी बार बतौर स्पीकर आमंत्रित किया, अन्यथा सीरीज में डॉ गुप्ता का शेड्यूल मार्च 2021 में था।

इस अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में दिये व्याख्यान में डॉ गिरीश गुप्ता ने अपनी शोध में किये गये यूट्राइन फायब्रायड, ओवेरियन सिस्ट, पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, ब्रेस्ट लीजन, नेबोथियन सिस्ट और सर्वाइकल पॉलिप के केस के सफल इलाज के बारे में उनकी डायग्नोसिस, रोग के कारणों, दवा के चयन के मानकों जैसी बातों के बारे में जानकारी दी। दो घंटे के इस कार्यक्रम में भारत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया, साउथ अमेरिका, नॉर्थ अमेरिका सहित दूसरे देशों के करीब 300 लोग ऑनलाइन जुड़े रहे।
