मुंह के कैंसर की 90 प्रतिशत वजह तम्बाकू
लखनऊ-गुवाहाटी। कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने और स्वस्थ् जीवन के लिए राज्य कैंसर संस्थान ( एससीआई) ने असम कैसर केयर फाउंडेशन (एसीसीएफ) के साथ मिलकर रविवार को यहां राज्य कैंसर संस्थान से उल्लूबारी ओवरब्रिज तक पांच किलोमीटर मार्ग पर कैंसर वॉकाथॉन का आयोजन किया। इस वॉकाथॉन में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया। इनमें शहर के विभिन्न संगठन, युवाओं ने कैंसर के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। इस कार्यक्रम का आयोजन एससीआई की दूसरी वर्षगांठ पर किया गया।
इस वाकाथॉन का उद्देश्य लोगों को कैसर के खतरों के कारणों, लक्षणों और उपचार तथा इस बीमारी के इलाज के लिए उपलब्ध सुविधाओं के बारें में जागरूक करना, कैंसर का जल्द पता लगाने के लिए उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जागरूक करना, कैंसर का जल्द पता लगाने के लिए उपलब्ध सुविधाओं के बारे में लोगों को जागरूक करना था। इनमें स्क्रीनिंग, तम्बाकू के सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना था। कैंसर वॉकाथॉन में छात्र, रक्षाकर्मी, शिक्षक, डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य पेशेवर, सरकारी व गैर सरकारी संगठन और सामुदायिक संगठनों ने भाग लिया।
इस मौके पर डॉ निर्मल हजारिका ने कहा कि कैंसर के संदेश को समुदाय तक ले जाने के लिए इस तरह के नियमित समावेशीकार्यक्रमों का आयोजन करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस कैंसर वॉकाथॉन में करीब ढाई हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया। उनका कहना था कि कैंसर को हराने के लिए कदम बढ़ायें एक उपयुक्त नारा हो सकता है या वॉकाथॉन द्वारा इस संदेश से कैंसर के अधिकांश मामलों को रोका जा सकता है। यह कार्यक्रम प्रत्येक व्यक्ति को आत्म जागरूक करने, कैंसर सक्रीनिंग और तम्बाकू नियंत्रण जैसे निवारक कदम उठाने के लिए है।
इस मौके पर असम कैंसर केयर फाउंडेशन (एसीसीएफ) के सीईओ वारा प्रसाद ने कहा कि वॉकाथॉन का उद्देश्य जागरूकता और बचाव कार्यक्रमों के स्तर का आकलन करना है ताकि रोकथाम और शुरुआती पहचान में सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने और लोगों को कैंसर के संकेतों और लक्षणों को समझने में मदद मिल सके, उनके लिए क्या सामान्य है और उन्हें अपनी चिंताओं के बारे में बोलने के लिए आत्मविश्वास को प्रोत्साहित किया जा सके। आपको बता दें कि असम में 48.2 प्रतिशत लोग तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। ग्लोबल एडल्ट्स टोबैको सर्वे-2017 के अनुसार 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर तथा बाकी अंगों के 50 प्रतिशत कैंसर का कारण तम्बाकू है। यही नहीं धूम्रपान या तम्बाकू चबाने से हर साल 32 हजार नये कैंसर रोगी असम में पाये जा रहे हैं, अफसोस की बात है कि असम में 70 प्रतिशत मामलों में कैंसर का पता अंतिम चरण में लगता है।
एक आंकड़े के अनुसार तम्बाकू उत्पादों के प्रयोग (यानी सिगरेट पीना, तम्बाकू चबाना) करने से रोकना मृत्यु से रोकने का एकमात्र सबसे बड़ा कारण है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि 30 वर्ष से ज्यादा की उम्र वालों को कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा रहता है इसलिए जरूरी है कि 30 वर्ष से ज्यादा की उम्र वाले अपने स्वास्थ्य की जांच अवश्य करायें।