अगर बदलाव ज्यादा हुआ तो किया जाता है हार्मोनल थैरेपी से इलाज
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। मीनोपॉज के समय पर महिलाओं में कई तरह के बदलाव आते हैं जिससे महिलायें परेशान हो जाती हैं, ऐसे में अगर उनमें आने वाले बदलाव अगर ज्यादा हैं तो उनका इलाज हार्मोनल थैरेपी से किया जाता है और अगर बदलाव के लक्षण आंशिक हैं तो सिर्फ डाइट व काउंसलिंग से ही उपचार किया जाता है।
यह जानकारी केजीएमयू की सीनियर गायनीकोलॉजिस्ट डॉ पुष्पलता संखवार ने रविवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ द्वारा आयोजित स्टेट लेवल रिफ्रेशर कोर्स एंड सीएमई प्रोग्राम में दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं की जब माहवारी बंद होती है, तो हार्मोन्स बनना बंद हो जाते हैं, जिस कारण महिलाओं में मूड चेंज, गर्मी, घबराहट, गुस्सा, चिड़चिड़ापन हो जाता है। उन्होंने बताया कि पीरियड बंद होने से पहले के दौर में पीरियड्स में अनियमितता हो जाती है, किसी महिला के पीरियड्स बढ़ जाते हैं, किसी के पीरियड्स का गैप बढ़ जाता है, इसके अलावा नींद न आना, किसी काम में मन न लगना, उलझन रहना, पेशाब के रास्ते में संक्रमण होना, सेक्स के प्रति अरुचि होने से सेक्सुअल लाइफ पर असर पड़ना, हड्डियां कमजोर होना, हृदय रोग का खतरा होना जैसी दिक्कतें हो जाती हैं।
डॉ पुष्पलता ने बताया कि जिन महिलाओं में ये लक्षण ज्यादा होने लगते हैं तो उन्हें लो डोज में कुछ समय के लिए हार्मोन्स दिये जाते हैं। इसके विपरीत जिनमें थोड़े लक्षण होते हैं उनका उपचार डाइट और काउंसलिंग के सहारे किया जाता है। डॉ पुष्पलता ने कहा कि महिलाओं को चाहिये इस तरह की दिक्कत होने पर वह किसी कुशल गायनीकोलॉजिस्ट से सम्पर्क करें। उन्होंने बताया कि ऐसी महिलाओं को चाहिये कि वे कैल्शियम, आइरन, विटामिन लें, एक्टिव रहें ताकि मोटापा न बढ़े, अपनी नियमित जांच कराती रहें। उन्होंने बताया कि ऐसी अवस्था में अपने खानपान पर ध्यान दें तथा व्यायाम, योग, मेडीटेशन नियमित करें। उन्होंने कहा कि डाइट और व्यायाम अपनी शरीर की क्षमता के अनुसार तय करना चाहिये।
डॉ पुष्पलता ने कहा कि महिलाओं को चाहिये कि वे मन को खुश रखें, अपने शौक को पूरा करें, अपने आप को व्यस्त रखें ताकि दिमाग में उल्टे-सीधे विचार न आयें, सकारात्मक विचार रखें, यह सोचें कि यह सब जिंदगी का स्वाभाविक पड़ाव है, यह न सोचें कि अब हम बेकार हो गये। अपने पॉजिटिव अनुभव बच्चों में बांटे, खुश रहें, हंसे, हंसायें, अच्छे लोगों से मिलें, समाज और मानवता के लिए पॉजिटिव व्यक्तित्व बनकर रहें।