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सभी 75 जिलों में काला फीता बांधकर स्‍वास्‍थ्‍य मेले में कार्य किया कर्मचारियों ने

-मेला का आयोजन रविवार को न करने अथवा दोगुना मानदेय देने की रखी है मांग
लखनऊ

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज 1 मार्च को प्रदेश के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और नगरीय स्वास्थ्य केंद्रों में आरोग्य मेले में राज्य कर्मचारियों ने काम तो किया लेकिन अपनी मांग को लेकर काला फीता बांधकर अपनी बात कहने का प्रयास किया। कर्मचारियों का कहना है कि बेहतर होगा कि मेले का आयोजन किसी कार्यदिवस में किया जाये और अगर यह न हो तो कम से कम रविवार को अतिरिक्‍त ड्यूटी किये जाने की ऐवज में दोगुनी दर से मानदेय का भुगतान किया जाये क्‍योंकि प्रतिकर अवकाश एकल कर्मचारी व्‍यवस्‍था होने से लेना संभव नहीं है।

इलाहाबाद

कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें सप्ताह में केवल 1 दिन रविवार के दिन अवकाश दिया जाता है जिस दिन स्कूलों में और अन्य कार्यालयों में भी अवकाश होता है, इसलिए रविवार को ही कर्मचारी अपने सामान्य घरेलू कार्य एवं सामाजिक कार्यों का भी निष्पादन करते हैं, परंतु विगत माह से प्रत्येक रविवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और नगरीय स्वास्थ्य केंद्रों में आरोग्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। चूंकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं नगरीय स्वास्थ केंद्रों में एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक लैब अटेंडेंट के साथ अन्य पद भी एकल है, इसलिए इन सभी कर्मचारियों को सप्ताह के सातों दिन में कोई  साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल पा रहा है।

गोरखपुर

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि परिषद ने कर्मचारियों की मांग को देखते हुए निर्णय लिया था कि मुख्यमंत्री से इस संबंध में कर्मचारियों की समस्याओं को अवगत कराते हुए मांग की जाएगी कि आरोग्य मेला रविवार के स्थान पर किसी कार्य दिवस में सोमवार से शनिवार के बीच लगाया जाए। लेकिन सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के बाद भी परिषद की इस मांग पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। पुनः परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि कर्मचारी रविवार के दिन साप्ताहिक अवकाश में कार्य करता है तो उसे केंद्र सरकार की बात अतिरिक्त कार्य के बदले उक्त दिवस के वेतन के दोगुने धनराशि के बराबर मानदेय उपलब्ध किया जाना न्यायोचित होगा।

जौनपुर

परिषद ने इस संबंध में मुख्यमंत्री सहित सभी उच्च अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया लेकिन सरकार द्वारा एवं शासन द्वारा उक्त मांग पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई, मजबूर होकर परिषद ने यह निर्णय लिया कि 1 मार्च से प्रत्येक आरोग्य मेले में कार्य करने वाले कर्मी काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे और सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास करेंगे।

मऊ

आज परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत की अध्यक्षता में बलरामपुर चिकित्सालय में एक समीक्षा बैठक आयोजित हुई जिसमें पूरे प्रदेश के सभी जनपदों से सूचना प्राप्त हुई कि प्रत्यक मेले में कार्यरत कर्मियों ने परिषद के निर्णय के अनुरूप काला फीता बांधकर शासन का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया।

कुशीनगर

परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने पुनः मुख्यमंत्री से मांग की कि आरोग्य मेले को सोमवार से शनिवार को किसी भी कार्य दिवस में आयोजित किया जाए, अथवा अवकाश में कार्य के बदले कर्मचारियों को नियमानुसार उनके वेतन का दोगुना मानदेय प्रदान किया जाए।

महाराजगंज

बैठक में  प्रमुख उपाध्यक्ष एव राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि प्रदेश में कार्य सभी विधाओं के फार्मेसिस्ट एवं जिसमें संविदा के भी फार्मेसिस्ट सम्मिलित है उन्होंने सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया। कर्मचारियों ने मेले में आने वाली जनता को अच्छी सेवा देते हुए अपनी समस्याओं से भी उन्हें अवगत कराया, आम नागरिक भी कर्मचारियों की इस मांग से सहमत हैं।