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कर्मचारी समझ लें, देय अवकाश का उपभोग जरूरत पर करें, अधिकार के रूप में नहीं

-कुलसचिव ने आदेश जारी कर अवकाशों को लेकर कई प्रकार की पाबंदियां लगायीं

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की कुलसचिव रेखा एस चौहान ने एक आदेश जारी कर कहा है कि संस्‍थान में कार्यरत कर्मचारियों को मिलने वाला अवकाश उनका हक नहीं बल्कि जरूरत के अनुसार की गयी व्‍यवस्‍था है। अवकाश लेने वाला यह दावा नहीं कर सकता है कि अवकाश उसका अधिकार है। अवकाश उनके अधिकार नहीं बल्कि जरूरत को देख कर ही दिया जाएगा।

22 जुलाई को जारी आदेश में कहा गया है कि चूंकि यह एक चिकित्‍सा संस्‍थान है इसलिए मरीज का हित सर्वोपरि है, उनके उपचार में बाधा न पड़े, यह सुनिश्चित करना प्राथमिकता है, प्राय: ऐसा देखा गया है कि गैर शैक्षणिक कर्मियों गैर शैक्षणिक कर्मचारियों द्वारा अनावश्यक अवकाश का उपभोग किया जाता है। ऐसे में अवकाश पर रहने के कारण संस्थान में आने वाले और भर्ती मरीजों की यथोचित देखभाल एवं उपचार में बाधा पड़ती है।

आदेश में कहा गया है कि केजीएमयू में कार्यरत गैर शैक्षणिक संवर्ग के सभी स्थाई कार्मिकों को वित्तीय नियम संग्रह खंड 2 भाग 2 से 4 अध्याय 10 मूल नियम 58 से 104 तथा सहायक नियम 35 से 172 तथा समय-समय पर जारी शासनादेश में दी गई व्यवस्था के अनुसार अब अवकाश स्वीकृति के लिए कुछ निर्णय लिए गए हैं इन निर्णय के अनुसार किसी अवकाश का दावा अधिकार स्‍वरूप नहीं किया जा सकता है। किसी भी प्रकार के अवकाश को निरस्त या अस्वीकृत करने का अधिकार अवकाश प्रदान करने के लिए सक्षम प्राधिकारी के पास सुरक्षित है।

आदेश में कहा गया है कि चूंकि केजीएमयू लखनऊ एक चिकित्सा संस्थान जिसमें मरीजों का उपचार ही संस्थान की प्राथमिकता है ऐसे में किसी भी प्रकार के अवकाश का उपभोग केवल अति आवश्यक स्थिति में मरीज के हित को ध्यान में रखते हुए सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के उपरांत ही किया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि आकस्मिक व चिकित्सा अवकाश को छोड़कर शेष अन्य अवकाश के लिए न्यूनतम 15 दिवस पूर्व किए गए आवेदन पर ही विचार किया जाएगा।

आदेश के अनुसार विषम परिस्थितियों के अतिरिक्त केवल 15 दिवस के अवकाश को उपभोग किए जाने की स्वीकृति प्रदान किए जाने पर विचार किया जाएगा। 15 दिनों से अधिक किसी भी प्रकार के अवकाश के आवेदन की स्थिति में संबंधित कर्मचारी द्वारा कुलसचिव के समक्ष प्रस्तुत होकर अवकाश की आवश्यकता के संबंध में संतोषजनक कारण प्रस्तुत किए जाने के उपरांत ही विचार किया जाएगा।

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