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चिकित्‍सक को अपने आप से पांच सवाल जरूर पूछने चाहिये

चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री बनने के बाद सुरेश खन्‍ना ने पहली बार किया केजीएमयू का दौरा

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ़। उत्‍तर प्रदेश के चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्‍ना ने कहा है कि चिकित्‍सकों को अपने आप से पांच सवाल जरूर पूछने चाहिये कि उन्होंने यह पेशा क्यों चुना? अपने चिकित्सा सेवा के कार्यकाल में वह कितने सफल हुए? वह कितनी ड्यूटी करते हैं और उसका प्रतिफल क्या है? तथा इसका उद्देश्य क्या है?

सुरेश खन्‍ना ने यह बात आज विभागीय मंत्री के रूप में पहली बार केजीएमयू पहुंचने पर कही। संस्‍थान के सेल्‍बी हॉल में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित विभागों के अधिष्‍ठाता एवं संकाय सदस्‍यों, चिकित्‍सकों से  मरीजों की बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने एवं शालीनता के साथ व्यवहार किए जाने का सुझाव दिया।

जीवन से बड़ी होती है ख्‍याति व प्रतिष्‍ठा की आयु

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा कि भौतिक उपलब्धियों से आत्म संतुष्टि प्राप्त नहीं होती है बल्कि जब बीमारी से ग्रस्त कोई मरीज ठीक होने के बाद जब किसी चिकित्सक को धन्यवाद कहता है तो उस समय मिलने वाली संतुष्टि से बड़ी आत्म संतुष्टि कोई नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की ख्याति और प्रतिष्ठा की आयु उसके जीवन की आयु से भी अधिक होती है। किसी व्यक्ति की ख्याति व प्रतिष्ठा उसके जीवनोपरांत भी बरकरार रहती है और मरणोपरांत भी साथ नहीं छोड़ती है।

तीन बातों का प्रभाव सबसे ज्‍यादा रहता है मनुष्‍य के जीवन में

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि मनुष्य के जीवन में तीन बातों का प्रभाव सर्वाधिक रहता है, पहला उसको उसके माता-पिता से प्राप्त हुए जैविक तत्व (जींस) दूसरा उसके जन्म के समय ग्रह नक्षत्रों का प्रभाव और तीसरा उसके आस-पास का माहौल। उन्होंने कहा कि दो चीजों में बदलाव मुमकिन नहीं है लेकिन हम अपने आस-पास के माहौल (वातावरण) को सकारात्मक बना कर जिस उद्देश्य से इस पेशे में आए हैं उसे सफल बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि आत्म संतुष्टि किसी भौतिक उपलब्धियों से नहीं बल्कि त्याग और सेवा भाव से प्राप्त होती है।

नये अभिभावक को देख विभागाध्‍यक्षों ने खोला मांगों का पिटारा

इस अवसर पर उपस्थित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों ने मंत्री से अपनी समस्याओं पर चर्चा करते हुए उन्हें दूर किए जाने का अनुरोध किया। इसी क्रम में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एके सिंह ने बर्न यूनिट के सुचारु संचालन के लिए 19 रिक्त पदों पर नियुक्ति की स्वीकृति के साथ ही कुछ निर्माण कार्य एवं आवश्यक सेवाएं यथाः-गैस पाइप लाइन की उपलब्धता आदि के संचालन के लिए अनुरोध किया।

प्रो0 विनीता दास, विभागाध्यक्ष, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग द्वारा एमसीएच विंग के संचालन के लिए अतिरिक्त मानवश्रम शक्ति जैसे स्टाफ नर्स इत्यादि की उपलब्धता के लिए अनुरोध किया।

चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीके ओझा द्वारा जिला चिकित्सालयों द्वारा बिना उपचार के सामान्य मरीजों को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर रेफर करने की क्रिया को सीमित करते हुए संबंधित मरीजों को यथा संभव जिला स्तर पर ही उपचार उपलब्ध कराए जाने के लिए निर्देशित किए जाने का अनुरोध किया। इस अवसर पर अधिष्ठाता दंत संकाय प्रो0 शादाब मोहम्मद ने जर्जर हो चुके पुराने दंत भवन को धवस्त कर नवीन दंत संकाय के लिए नवीन भवन के निर्माण के साथ ही साथ इसके विस्तार के लिए अनुदान उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया।

केजीएमयू की प्रति कुलपति एवं पैथोलॉजी विभाग की प्रो मधुमति गोयल द्वारा मेडिको-लीगल प्रकरण में पोस्टमॉर्टम से संबंधित टिशु नमूने राज्य चिकित्सालयों को भी परीक्षण के लिए भेजे जाने तथा समस्त टिशु को चिकित्सा विश्वविद्यालय ही न भेजने के संदर्भ में दिशा-निर्देश निर्गत करने के लिए अनुरोध किया।

लारी कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ वीएस नारायण ने कार्डियोलॉजी विभाग द्वारा विभाग के पीछे अपूर्ण निर्माण कार्य को शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण कराए जाने का अनुरोध किया। इसके साथ ही बालरोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ शैली अवस्थी ने फैकेल्टी की कमी के बारे में जानकारी देते हुए शीघ्र ही पदों के सृजन का अनुरोध किया।

रोडियोडायग्नोसिस विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ नीरा कोहली ने विभाग की आवश्यकता के लिए 3 टेस्ला एमआरआई मशीनों को उपलब्ध कराए जाने के प्रकरण को निस्तारित करने का अनुरोध किया गया जिस प्रकरण पर शासन स्तर पर कुछ आपत्तियां दर्ज की गई हैं।

इस अवसर पर डीन, रिसर्च सेल प्रो आरके गर्ग ने रिसर्च ग्रांट में बढोतरी का अनुरोध किया। ट्रॉमा सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप तिवारी ने पुराने एमएस बंगले के पास ट्रॉमा सेंटर की एक और इमारत बनाए जाने का अनुरोध किया और कहा कि इससे प्रदेश भर से आने वाले मरीजों को शैय्याओं की कमी की समस्या से छुटकारा मिलने के साथ ही बेहतर चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिलेगा।

रिसर्च पर पहले से ज्‍यादा जोर देने को कहा प्रमुख सचिव ने

इस अवसर पर प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने केजीएमयू की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस प्रकार से इस चिकित्सा संस्थान ने देशभर में अपनी ख्याति बटोरी है उसी प्रकार अब समय आ गया है कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाए। इसके साथ ही उन्होंने रिसर्च पर भी पहले के मुकाबले ज्यादा जोर दिए जाने की बात कही। उन्होंने भारत सरकार द्वारा हाल ही में शुरू किए गए फिट इंडिया अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यदि चिकित्सक अपने मरीजों को दवाइयों के साथ ही दैनिक दिनचर्या एवं स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के बारे में दवा के पर्चो के माध्यम से उससे जुड़ी जानकारी अंकित करवा ले तो आमलोगों को आसानी से जागरूक किया जा सकता है। कार्यक्रम में चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने भी अपने विचार व्यक्त चिकित्सा सेवा को सबसे बड़ी सेवा बताया।