किडनी कैंसर पर दो दिवसीय यूरो ऑन्कोकॉन 2019 का उद्घाटन
लखनऊ। जिस तरह से दो दिन की कॉन्फ्रेंस यूरो ऑन्कोकॉन-2019 में सिंगल ऑर्गन, सिंगल डिजीज के उपचार को थीम में रखा गया और उससे सम्बन्धित देश-विदेश के विशेषज्ञों को एक छत के नीचे बुलाकर उनके अनुभवों को साझा किया गया है यह तारीफ के काबिल है। इस पहल से मरीजों को बहुत लाभ मिलेगा।
ये विचार यहां अटल बिहारी साइंटिफिक कन्वेन्शन सेंटर में शुरू हुए दो दिवसीय यूरो ऑन्कोकॉन-2019 में मुख्य अतिथि प्रेसीडेंट यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया डॉ मधुसूदन अग्रवाल ने उद्घाटन करते हुए व्यक्त किये। इस मौके पर केजीएमयू के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट, संजय गांधी पीजीआई के निदेशक डॉ राकेश कपूर, कॉन्फ्रेंस आयोजन अध्यक्ष डॉ एसएन संखवार व डॉ सुधीर कुमार रावल, आयोजन सचिव डॉ एचएस पाहवा सहित अनेक चिकित्सक उपस्थित रहे।
प्रो भट्ट ने अपने सम्बोधन में कॉन्फ्रेंस के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरह से एक ही रोग पर फोकस करके कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है इसे हम लोग आगे भी बढ़ावा देंगे। प्रो राकेश कपूर ने कहा कि बहुत अच्छा आयोजन है, मेहनत कीजिये क्योंकि मेहनत करने से ही एक अच्छा इंस्टीट्यूट और ऐम्पायर खड़ा होता है। इन सबके लिए सभी को कड़ी मेहनत करनी चाहिये।
इसके अलावा कॉन्फ्रेंस के पहले दिन के वैज्ञानिक सत्र का उद्घाटन डॉ अनीस श्रीवास्तव, डॉ संजीव मिश्र, डॉ अरुण चतुर्वेदी, डॉ संदीप कुमार ने किया। आयोजन सचिव डॉ एचएस पाहवा ने बताया कि पहले दिन दस व्याख्यान प्रस्तुत किये गये। इनमें डॉ अपुल गोयल ने किडनी के वंशानुगत कैंसर के बारे में बताया जबकि डॉ एके सनवाल ने भारतीय परिपेक्ष्य में किडनी के ट्यूमर पर चर्चा की। डॉ समीर त्रिवेदी ने एनॉटिमिक जटिलता एवं नेफ्रोमैट्री के बारे में बताया। डॉ मनोज जैन ने किडनी के कैंसर की विभिन्न अवस्थाओं के बारे में चर्चा की।
डॉ पाहवा ने बताया कि किस तरह पिछले कुछ वर्षों में किडनी के कैंसर के इलाज के लिए की जाने वाली सर्जरी में परिवर्तन आया है। अब लैप्रोस्कोपिक, रोबोटिक सर्जरी से कैंसरग्रस्त भाग निकालकर किडनी को बचाने में सफलता प्राप्त हुई है। डॉ अमलेश सेठ ने आईवीसी तक फैले कैंसर के बारे में जानकारी दी। डॉ गगन प्रकाश ने कुछ फैले हुए किडनी कैंसर नोड्स को निकालने के बारे में चर्चा की। की। डॉ मल्लिकार्जुन ने दूरबीन विधि से कैंसर की सर्जरी की जटिलताओं के बारे में चर्चा की। डॉ गनेश बक्शी ने किडनी में होने वाली गांठ को पहचानने के बारे में चर्चा की।
इसके अलावा दो सामूहिक चर्चाओं का आयोजन किया गया इसमें किडनी में होने वाली बड़ी गांठों पर चर्चा में टेक्सास यूनिवर्सिटी यूएसए के प्रो क्रिस्टोफर वुड, मैक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ अनंत कुमार, राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट दिल्ली के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुधीर कुमार रावल और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई के डॉ गनेश बक्शी शामिल हुए। जबकि दूसरी सामूहिक चर्चा किडनी में होने वाली छोटी गांठों पर हुई, इसमें डॉ क्रिस्टोफर वुड के साथ ही टुबिन्गन, जर्मनी के प्रो जेन्स बेडके, डॉ मल्लिकार्जुन, डॉ टोंगावकर तथा डॉ टीबी युवराजा शामिल रहे। वीडियो प्रस्तुतियां भी हुईं जिसमें अलग-अलग विधियों से कैंसर की सर्जरी के बारे में बारीकियां बतायी गयीं।