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…तो जरूर रोयें ताकि बह जाये आंसुओं के साथ खतरनाक केमिकल कोर्टिसॉल

रोना भी है एक तरह का व्‍यायाम, दुनिया के कई देशों में हो चुकी है स्‍टडी

लखनऊ। रोना भी व्‍यक्ति के लिए एक तरह का व्‍यायाम ही है, और यह शरीर के लिए भी फायदेमंद है। आप सोच रहे होंगे यह कितनी अजीब बात है, लेकिन यह इस लिहाज से अच्‍छा है कि रोने से जो आंसू निकलते हैं उसमें खतरनाक केमिकल कोर्टिसॉल (cortisol) नामक रसायन निकलता है जो कि शरीर से निकलना जरूरी है। इसलिए जब भी मौका मिले तो व्‍यक्ति को रो लेना चाहिये।

 

दुनिया के कई देशों में करीब तीन हजार लोगों पर हुईै स्‍टडीज में भी यह बात सामने आयी है कि रोने से मूड सुधरता है, स्‍टडीज के दौरान जिन लोगों को रोने का मौका दिया वे काफी रिलैक्‍स दिखे। आमतौर पर माना जाता है कि ज़्यादा रोने से व्यक्ति चिंताग्रस्त हो जाता है और कमज़ोरी भी आ जाती है, लेकिन रोना भी हंसी और खुशी की तरह एक नैचुरल इमोशन है, जिसका शरीर से निकलना बेहद ज़रूरी होता है। आपको बता दें कि हंसने पर शरीर में एंडॉर्फिन हॉर्मोन रिलीज़ होता है और व्यक्ति को खुशी महसूस होती है

 

गुजरात के सूरत में तो बाकायदा एक ऐसा क्लब है जहां लोग सिर्फ और सिर्फ रोने के लिए आते हैं और खूब चिल्ला-चिल्लाकर रोते भी हैं। माना जाता है कि रोने से उनका स्ट्रेस कम हो जाता है। इस क्लब में आने वाले लोगों की संख्या में दिनोंदिन इज़ाफा होता जा रहा है और परिणाम चौंकाने वाले हैं।

 

इस क्लब के संस्थापकों की मानें वे यहां आने वाले लोगों को प्रोत्साहित करते हैं कि वे नियमित तौर पर रोएं। क्लब के संस्थापकों में शामिल एक एक्सपर्ट के मुताबिक, लोगों को खुद को रोने से बिल्कुल भी नहीं रोकना चाहिए। व्यक्ति को जब भी मौका मिले रोना चाहिए ताकि यह कोर्टिसॉल केमिकल शरीर से बाहर निकल सके। यह अगर शरीर में रहता है तो यह शरीर को टेंशन, चिंता और डिप्रेशन घेर लेता है।

डॉ शीतल वर्मा

 

किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍व विद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की असिस्‍टेंट प्रोफेसर शीतल वर्मा इसकी पुष्टि करते हुए कहती हैं कि यूं तो हंसने को अच्‍छा और रोने को खराब कहा जाता है लेकिन दरअसल सुख और दुख हमारे जीवन के दो ऐसे पहलू हैं जो सभी के साथ जुड़े होते हैं ऐसे में जब दुख की बात हमारे मन में आती है तो कई बार ऐसा होता है कि हमें रुलाई आती है, ऐसे समय पर हमें अपनी रुलाई रोकनी नहीं चाहिये, बल्कि रोकर मन हल्‍का कर लेना चाहिये, क्‍योंकि शरीर को नुकसान पहुंचाने वाला केमिकल कोर्टिसॉल आंसू के साथ बह जायेगा।