-राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने पीपीई उपलब्ध कराये जाने के साथ ही आरोग्य मेले को रोकने की भी मांग की
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने प्रदेश में कोरोना का प्रसार रोकने के लिए प्रत्येक रविवार को आयोजित होने वाले आरोग्य मेले को तत्काल स्थगित करने की मांग करते हुए कोरोना वायरस को लेकर ड्यूटी में लगाये गये स्वास्थ्य कर्मचारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा किट (P.P.E.) उपलब्ध न कराये जाने पर चिंता जताते हुए इसे उपलब्ध कराये जाने की मांग की है।
बैठक की जानकारी देते हुए अतुल मिश्रा ने बताया कि परिषद की हाईकमान की बैठक गुरुवार 19 मार्च को बलरामपुर चिकित्सालय में परिषद अध्यक्ष सुरेश रावत की अध्यक्षता में संपन्न हुई। परिषद ने भारत सरकार की भांति कोरोना के इलाज एवं बचाव में ड्यूटी कर रहे प्रदेश के चिकित्सा कर्मियों को रुपया 200 प्रतिदिन दिए जाने की मांग की है। परिषद ने आकस्मिक सेवाओं एवं आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य कार्यालयों को बंद करने की मांग की है। इसके अलावा प्रदेश के अधिकांश चिकित्सा कर्मी कोरोना के रोकथाम एवं इलाज में कार्य कर रहे सभी चिकित्सा कर्मियों को व्यक्तिगत सुरक्षा किट पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजर, मास्क आदि उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। जो कर्मचारी थर्मल चेकिंग में लगाए गए हैं उन्हें व्यक्तिगत सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं करायी गयी है, जिससे कर्मचारियों की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है, अभी मेडिकल कॉलेज में कोरोना इलाज के लिए लगाई गई टीम के चिकित्सक व कर्मियों के बीमार होने की सूचना है जो अत्यंत चिंताजनक है।
उन्होंने बताया कि गुरुवार 19 मार्च को बलरामपुर चिकित्सालय में सम्पन्न परिषद की हाईकमान की बैठक में अध्यक्ष सुरेश रावत के साथ ही संगठन प्रमुख के के सचान, महामंत्री अतुल मिश्रा, प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव, प्रवक्ता अशोक कुमार, उपाध्यक्ष धनन्जय तिवारी, महामंत्री एक्स रे एसोसिएशन आर के पी सिंह, राम मनोहर कुशवाहा, मण्डल मंत्री राजेश चौधरी, जिला अध्यक्ष सुभाष श्रीवास्तव, राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जेपी नायक, सुनील कुमार मीडिया प्रभारी, कमल श्रीवास्तव के सचिव सहित विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित थे।
अतुल मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में कोरोना बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं, जिसमें कहीं भी भीड़ एकत्र न होने के निर्देश हैं, अधिकांश मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी बंद अथवा सीमित कर दी गई है। मॉल, सिनेमाघर, मल्टीप्लेक्स, ऑफिसेज, धार्मिक, सामाजिक एवं व्यक्तिगत आयोजन आदि पर प्रतिबंध लगाया जा चुका हैं परंतु अभी तक प्रत्येक रविवार को आयोजित होने वाला आरोग्य मेला स्थगित नहीं हुआ है। बीमारी के सामाजिक प्रसार को रोकने के लिए कहीं भी भीड़ इकट्ठा होना उचित नहीं है। अधिकांश प्राथमिक केन्द्रों एवं नगरीय स्वास्थ्य केन्द्र के कर्मचारियों को कोरोना के बचाव, परीक्षण के लिए अन्यत्र ड्यूटी लगा दी गई है। इसलिए भी आरोग्य मेला आप्रसंगिक हो गया है।
परिषद ने बैठक में आम जनता से भी अपील की है कि सरकार द्वारा जारी नीतियों का पालन करते हुए अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें यदि अत्यंत आवश्यक ना हो तो चिकित्सालय एवं भीड़ वाले स्थानों पर ना जाएं। बच्चों गर्भवती महिलाओं बुजुर्गों को ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी।