-अगर किसी भी स्तर पर संक्रमित हाथों से होकर गुजरा है फूल, तो है संक्रमण की संभावना
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। बाहर से खरीदे हुए फूलों को यदि किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने छुआ है तो इससे दूसरे व्यक्ति में फैलने का खतरा है, अच्छा होगा कि इस तरह के जोखिम से बचें।
यह कहना है किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय (केजीएमयू) के पल्मोनरी विभाग के अध्यक्ष, इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी के अध्यक्ष प्रो सूर्यकांत का। आपको बता दें कोरोना काल में आज से शुरू हुए श्रावण मास में होने वाली पूजा आदि के संदर्भ में उनसे फूलों के संक्रमण के बारे में प्रश्न किया गया था।
उन्होंने कहा कि अभी तक के अध्ययन में जो बात सामने आयी है, उसके अनुसार संक्रमित व्यक्ति से, संक्रमित वस्तु से और संक्रमित वायु से कोरोना फैलता है, ऐसे में अगर फूल की बात की जाये तो यह वस्तु की श्रेणी में आती है, इसलिए जिस व्यक्ति ने फूल चुने हैं, फिर उसका थोक व्यापारी, फुटकर व्यापारी यानी जिन-जिन व्यक्ति के हाथों से होकर फूल जा रहा है उनमें से कोई भी अगर संक्रमित है तो संक्रमण होने का खतरा है।
डॉ सूर्यकांत कहते हैं कि जहां तक भगवान की पूजा की बात है तो मेरा व्यक्तिगत रूप से यह मानना है भगवान दर्शन से प्रसन्न होते हैं न कि चढ़ावे से, घर में बने मंदिर के समक्ष ही अगर आप हाथ जोड़ कर प्रार्थना कर लेते हैं तो भी भगवान प्रसन्न हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज मैंने स्वयं व्रत रखा हुआ है, लेकिन इस कोरोना काल में संक्रमण के फैलाव को देखते हुए मैं किसी मंदिर में नहीं गया। मेरा मानना है कि मन्दिर का अर्थ है ‘मन के अन्दर’, तो शुद्ध अंत:करण से घर में ही पूजा और दर्शन ही काफी हैं।
उन्होंने कहा कि जब कोरोना काल नहीं था, और जब आगे नहीं होगा तब तो इस तरह की पाबंदी होती नहीं है। लेकिन चूंकि यह विशेष परिस्थिति है इसलिए इसमें जितना हो सके सतर्क रहना चाहिये, और सरकार द्वारा जारी की गयी गाइडलाइंस का पालन करना चाहिये।