किसी भी परिस्थिति में शिक्षक संघ मांगें पूरा होने तक मूल्यांकन बहिष्कार के निर्णय पर अड़ा, शासन खामोश
लखनऊ। अपनी मांगों को लेकर यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकओं के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करने की उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की संघर्ष समिति की घोषणा के मद्देनजर माहौल गर्म होता दिख रहा है। संघ मांग पूरी होने तक किसी भी दशा में कॉपी मूल्यांकन कार्य न होने देने के लिए अड़ा है और इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। दूसरी ओर शासन से ऐसा कोई संदेश नहीं मिल रहा है जिससे मांगों को लेकर कोई रास्ता निकल सके, ऐसी स्थिति में टकराव के आसार पैदा हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की संघर्ष समिति के प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता डॉ महेन्द्र नाथ राय ने बताया कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की संघर्ष समिति में लिए गये निर्णय के अनुसार प्रदेश के समस्त मूल्यांकन केन्द्रों पर अपना आन्दोलन गांधीवादी तरीके से संचालित करते हुए मूल्यांकन न होने देने का निर्णय हुआ था। इसी क्रम में अधिकृत व्यक्तियों की बैठक में यह निश्चय हुआ है कि किसी भी परिस्थिति में प्रदेश के किसी भी मूल्यांकन केन्द्र पर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किसी भी दशा में प्रारम्भ न हो।
बैठक में कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षकों से आहवान किया है कि वह हर हालत में कॉपी मूल्यांकन कार्य रोकना सुनिश्चित करें। बैठक में तय किया गया है कि 8 मार्च से प्रारम्भ होने वाला मूल्यांकन बन्द आन्दोलन तब तक चलेगा, जब तक कि सरकार द्वारा हमारी मांगों के प्रति सकारात्मक लिखित कार्यवाही करने का आश्वासन नहीं मिल जाता।
माध्यमिक शिक्षक संघ की प्रमुख मांगों में वित्त विहीन शिक्षकों की सेवा नियमावली के साथ सुनिश्चित मानदेय / वेतन, अद्यतन तदर्थ का विनियमितिकरण, चिकित्सा सुविधा, सीबीएसई के समान बोर्ड पारिश्रमिक भुगतान की मांग शामिल हैं। बैठक में संरक्षक राजबहादुर सिंह चंदेल, अध्यक्ष चेतनारायण सिंह, महामंत्री रामबाबू शास्त्री, प्रदेशीय मंत्री डॉ महेन्द्र नाथ राय व कई अन्य लोग शामिल थे।