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चिकित्‍सा सेवा करके भी चला जा सकता है विवेकानंद के आदर्शों पर

-जिक्र हुआ स्‍वामी विवेकानंद के उस ऐतिहासिक भाषण का जिसकी गूंज आज भी है

-ऐतिहासिक भाषण की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर केजीएमयू में कार्यक्रम

लखनऊ। स्‍वामी विवेकानंद ने शिकागो में आयोजित धर्मसंसद में दिये भाषण को मंगलवार को सवा सौ साल पूरे हो गये। इस मौके पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित सेल्बी हॉल में नेशनल मेडिको ऑर्गेनाइजेशन; एनएमओ एवं यूथ ऑफ मेडिकोज केजीएमयू के संयुक्त तत्वावधान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 11 सितंबर 1893 को शिकागो में स्वामी विवेकानंद के द्वारा दिए गए ऐतिहासिक भाषण के कुछ अंश भी सुनाए गए।

 

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोएमएलबी भट्ट ने करते हुए कहा कि चिकित्सा क्षेत्र के द्वारा भी स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चला जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का कहना था कि सेवा परमो धर्मा और चिकित्सा क्षेत्र से ज्यादा सेवाभाव किसी अन्य क्षेत्र में नहीं है। कुलपति ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य एक संवेदनशील मानव का निर्माण करना है। उन्होंने वहां उपस्थित छात्र एवं छात्राओं को चिकित्सा के माध्यम से देश सेवा करने का अनुरोध किया।

 

इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने स्वामी विवेकानंद के सम्पूर्ण जीवन को युवाओं के लिए आदर्श बताया। इसके साथ ही उन्होंने आज के ऐतिहासिक दिन के अवसर पर युवाओं को स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ने पर जोर देते हुए कहा कि इस अभियान से जुड़ने की शुरुआत अपने खुद के घर या कमरे से होनी चाहिए।

 

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन के उपाध्यक्ष डॉ सीबी त्रिपाठी ने कहा स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए आध्यात्मिक विचार कभी नहीं मरते हैं, उन्होंने कहा कि ऐसे विचार आज भी माने जाते हैं और सदियों तक माने जाएंगे।

 

विशिष्ट अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रो0 राजकुमार मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन नेशनल मेडिको ऑर्गेनाइजेशन के सचिव डॉ भूपेंद्र सिंह ने किया। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता अनुप गुप्ता सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का समापन आयोजकों द्वारा उपस्थित अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट करने के साथ हुआ। कार्यक्रम में हीमेटोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ एके त्रिपाठी, डॉ संदीप तिवारी समेत कई वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद रहे।

 

 

 

 

 

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