-मासिक चक्र के 10 दिन बाद स्वयं करें स्तन का परीक्षण
-केजीएमयू में ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। यह गलत है कि कसे हुए अंत:वस्त्र पहनने, ज्यादा स्तनपान कराने, अल्ट्रावायलेट किरणों से ब्रेस्ट कैंसर होता है, बल्कि स्तनपान न कराने, गर्भनिरोधक गोली का अधिक सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा रहता है।
यह जानकारी केजीएमयू के सर्जरी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ गीतिका नन्दा सिंह ने 1 मार्च को केजीएमयू के पैरामेडिकल विज्ञान संकाय के तत्वावधान में आयोजित ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस ट्रेनिंग प्रोग्राम में मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए दी। अधिष्ठाता, पैरामेडिकल विज्ञान संकाय डॉ विनोद जैन के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम का विषय सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन स्किल था।
डॉ गीतिका नंदा सिंह ने कहा कि समाज में ब्रेस्ट कैंसर को लेकर अनेक प्रकार की भ्रांतियां फैली हुई हैं। इस जागरूकता कार्यक्रम में पैरामेडिकल फैकल्टी के 50 तथा 150 छात्राओं कुल 200 लोगों को सही तथ्यों की जानकारी देते हुए जागरूक किया गया। उन्होंने स्तन कैंसर के लक्षण और बचाव के लिए स्वयं स्तन की जांच करने का सही तरीका बताया।
डा. गीतिका नंदा सिंह ने यह भी बताया कि सभी महिलाओं को प्रत्येक माह मासिक चक्र के 10 दिन बाद स्तन की स्वयं जांच करनी चाहिए। स्तन में किसी प्रकार की गांठ महसूस होने पर ब्रेस्ट सर्जन/सर्जन की सलाह लेनी चाहिए।
डॉ विनोद जैन की ओर से बताया गया कि यह महिलाओं में सर्वाधिक पाया जाने वाला कैंसर है, उन्होंने यह सलाह भी दी कि महिलायें इसको छिपाये नहीं, ताकि समय रहते समस्या का उपचार किया जा सके। यह कार्यक्रम स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिमाह आयोजित किया जायेगा।
कार्यक्रम का आयोजन व संचालन रचना वर्मा, ट्यूटर, डिप्लोमा इन रेडियोथेरेपी एंड ट्रॉमा केयर टेकनीशियन एवं वीनू दुबे, ट्यूटर, डिप्लोमा इन रेडियोथेरेपी एंड ट्रॉमा केयर टेकनीशियन ने किया तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में शालिनी गुप्ता, मंजरी, शिवांगी, सोनिया एवं समस्त पैरामेडिकल संकाय ने योगदान दिया।