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बुजुर्ग हों, युवा हों या हों बच्चे, सभी में बढ़ रहे किडनी स्टोन के मामले, पता है क्यों ?

-हेल्थ सिटी विस्तार सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के यूरो सर्जन डॉ राजेश अरोरा से सेहत टाइम्स की विशेष बातचीत

डॉ राजेश अरोरा

सेहत टाइम्स

लखनऊ। गुर्दे की पथरी आजकल कॉमन प्रॉब्लम हो गयी है, न सिर्फ युवाओं बल्कि बच्चों को भी किडनी में स्टोन की शिकायत हो रही है। इसकी बड़ी वजह खानपान और जीवन शैली में बदलाव है। फास्ट फूड, जंक फूड, पैकेज्ड फूड, चिप्स जैसी ज्यादा नमक वाली चीजों के साथ ही कोल्ड ड्रिंक का सेवन बढ़ गया है, दूसरी ओर ग्लोबल वार्मिंग की वजह से गर्मी बढ रही है, जिससे पसीना ज्यादा निकलता है, जबकि पानी, जो कि दिन भर में कम से कम चार लीटर पीना चाहिये, उसे हम कम पीते हैं, ये सभी कारण मिलकर गुर्दे में पथरी के मामले बढ़ा रहे हैं। आज स्थिति यह है कि प्रति दस व्यक्तियों में एक व्यक्ति को पथरी की शिकायत हो रही है।

यह कहना है गोमती नगर विस्तार स्थित हेल्थ सिटी विस्तार सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर के यूरो सर्जरी एंड किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी विभाग के चीफ कन्सल्टेंट एंड हेड डॉ राजेश अरोरा का। उन्होंने बताया कि खानपान के कारणों के अलावा कुछ मरीजों में किडनी स्टोन होने का एक और कारण होता है, वह है जेनेटिक यानी अनुवांशिक। जैसे कि कुछ लोगों के शरीर में कैल्शियम, यूरिक एसिड ज्यादा मात्रा में होता है तो ऐसे लोगों को भी किडनी में स्टोन की शिकायत होती है। ज्यादातर लोगों में ये स्टोन छोटे होते हैं जबकि कुछ लोगों में स्टोन का साइज बड़ा होता है।

जब उठे दर्द…

डॉ अरोरा बताते हैं कि किडनी में स्टोन होने पर भीषण दर्द उठता है, इसका दर्द पीठ में बायीं या दायीं तरफ (जिस तरफ की किडनी में स्टोन है) से उठता है और आगे पेट के नीचे तक आता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति हो तो घबराना नहीं चाहिये, ऐसा देखा गया है कि रात में अचानक किडनी में पथरी का दर्द उठने पर लोग किसी भी चिकित्सक के पास चले जाते हैं, जो कि मरीज को भर्ती कर लेते हैं, जबकि ऐसी स्थिति में मरीज को आवश्यकता किसी भी चिकित्सक नहीं बल्कि यूरोलॉजिस्ट या यूरो सर्जन को दिखाने की होती है, ऐसे में यह चाहिये कि यदि आसपास कोई यूरोलॉजिस्ट या यूरो सर्जन नहीं है तो फिलहाल दर्द से निपटने के लिए दर्द की टेबलेट या इंजेक्शन से उस समय की स्थिति को सम्भालना चाहिये, इसके बाद शीघ्र ही किसी यूरोलॉजिस्ट या यूरो सर्जन को दिखाना चाहिये। उन्होंने बताया कि बहुत के केसेज में दर्द के साथ पेशाब में खून आ सकता है अगर यूरिन या किडनी में इन्फेक्शन हो गया है तो बुखार भी आ सकता है और कभी-कभी इन्फेक्शन ज्यादा होने पर बुखार तेज हो सकता है और सेप्टीसीमिया जैसी गंभीर स्थिति हो सकती है। उन्होंने बताया कि कभी-कभी पथरी गुर्दे की नली यूरेटर में भी फंस जाती है जिससे पेशाब में जलन और पेशाब करने में दिक्कत होती है।

कब जरूरत पड़ती है सर्जरी की

डॉ अरोरा ने बताया कि यूरो सर्जन पथरी की डायग्नोसिस और उसका साइज देखने के लिए अल्ट्रासाउंड जांच कराते हैं, लेकिन कभी-कभी अल्ट्रासाउंड से स्थिति साफ न होने पर डॉक्टर प्लेन सीटी स्कैन, जिसे एनसीसीटी (नॉन कन्ट्रास्ट कम्प्यूटेड टोमोग्राफी) स्कैन कहा जाता है, कराते हैं, जिसमें स्थिति बिल्कुल साफ हो जाती है। अगर ​स्टोन पेशाब की नली में है, उसका साइज आठ मिलीमीटर से कम है और किडनी में सूजन (हाईड्रोनेफ्रोसिस) ज्यादा नहीं है, तो स्टोन को 4 से 6 माह में दवाओं के सहारे निकाल लिया जाता है, लेकिन अगर स्टोन का साइज आठ मिलीमीटर से बड़ा है या किडनी में सूजन ज्यादा है तो इसकी सर्जरी करनी पड़ती है, इसे पेशाब के रास्ते दूरबीन विधि (एंडोस्कोपिक) से लेजर के द्वारा ही निकाला जाता है। लेजर से पथरी का चूरा बनाकर उसे पाइप से बाहर निकाल दिया जाता है। सर्जरी के बाद मरीज को अगले दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है।

उन्होंने बताया कि एक और ​विधि होती है लिथोट्रिप्सी, इसमें बिना ऑपरेशन बाहर से ही एक डिवाइस लगा कर साउंड द्वारा पथरी को चूरा बना दिया जाता है और 8-10 दिनों में चूरे को दवा के सहारे पेशाब के रास्ते निकाल लिया जाता है, इस विधि में मरीज को भर्ती करने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। उन्होंने बताया कि लिथोट्रिप्सी से सर्जरी की कुछ कंडीशन्स होती हैं, मरीज बहुत मोटा न हो, पथरी का साइज 15 मिलीमीटर ज्यादा न हो और सीटी स्कैन में पथरी की डेंसिटी 1000 प्वाइंट से कम हो, ऐसा न होने पर लेजर विधि से ही सर्जरी की जाती है।

संदेश

डॉ अरोरा ने कहा कि गुर्दे की पथरी से बचने के लिए फास्ट फूड, जंक फूड कम खायें, नमक ज्यादा (कुल मिलाकर एक दिन में पांच ग्राम से ज्यादा) न खायें, कोल्ड ड्रिंक विशेषकर कोला ड्रिंक्स न पीयें। उन्होंने बताया कि यह लोगों में भ्रांति है कि बीयर पीने से पथरी निकल जाती है कोल्ड ड्रिन्क और बीयर दोनों में ऑक्सालेट ज्यादा होती है, इसलिए इन दोनों को ही ज्यादा न पीयें सिर्फ चार से पांच लीटर सादा पानी पीयें, नीबू पानी पीयें क्योंकि नीबू से भी पथरी गल जाती है। उन्होंने कहा कि कच्चा टमाटर थोड़ा-बहुत खा सकते हैं, पालक और मैथी भी माह में एक बार खा सकते हैं। उन्होंने बताया कि एक गलत जानकारी यह भी है कि दूध-दही-पनीर न खायें, ऐसा नहीं है, साधारण मात्रा में दूध-दही-पनीर नुकसान नहीं करता है।

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