-विद्यालय प्रबंधतंत्र परेशान, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने पीएम, वित्त मंत्री, आरबीआई गवर्नर व सीएम को लिखा पत्र
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वित्तविहीन शिक्षकों के वेतन के लिए संघर्ष कर रहे उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ही रिजर्व बैंक के गवर्नर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि जैसा कि केंद्र द्वारा पूर्व में घोषित किया गया था, कि बैंक अपनी ऋण अदायगी की किस्त तीन माह नहीं लेंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है, बैंकों ने ऐसे किसी आदेश के प्राप्त होने से इनकार किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस संबंध में तीन माह तक ऋण अदायगी की किस्त जमा करने से छूट मिलने का निर्देश देने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता डॉ महेन्द्र नाथ राय द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के अनुसार इस संबंध में बैंकों का कहना है कि हमारे पास ऐसा कोई आदेश नहीं आया है, ऐसी परिस्थिति में स्वपोषित विद्यालयों के प्रबंधतंत्र का यह कहना है कि न हमें फीस मिल रही है, न ही किस्त वसूली रोकी जा रही है, स्कूल के लिए लिये गये वाहनों की किस्त बैंक वसूल रहा है। हमारे लिए शिक्षकों को वेतन देना ही मुश्किल हो रहा है, किस्त की अदायगी ने और मुसीबत खड़ी कर दी है।
पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी स्कूलों को तीन महीने तक छात्रों से शुल्क नहीं वसूलने का आदेश दिया है, इसके साथ ही परिवहन शुल्क भी नहीं वसूलना है। शिक्षण संस्थाओं में धन का एकमात्र स्रोत छात्रों से लिया जाने वाला शुल्क ही होता है। उसी शुल्क के द्वारा शिक्षकों एवं कर्मचारियों को वेतन दिया जाता है तथा विद्यालय के अन्य खर्चों को उसी शुल्क के द्वारा किया जाता है। सरकार ने आदेश दिया है कि किसी भी विद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारी का वेतन रोका न जाए। वेतन के अलावा स्कूल के निर्माण के लिए लिए गए होम लोन एवं परिवहन की खातिर लिये गए वाहन लोन की किस्तों का भुगतान भी उसी शुल्क द्वारा ही किया जाता है।
सरकार के द्वारा तीन महीने तक लोन की किस्तों की वसूली पर रोक की बात कही गई थी लेकिन बैंक कह रहे हैं कि उनके पास ऐसा कोई भी आदेश नहीं है। वह क़िस्तों को जमा कराने के लिए विद्यालयों पर दबाव बना रहे हैं। शुल्क ना आने के कारण विद्यालयों को वेतन देना भी मुश्किल होता जा रहा है, इस समय लोन की किस्त चुकाना तो उनके लिए असंभव हो गया है।
पत्र में प्रधानमंत्री से मांग की गयी है कि सभी बैंकों को किस्तों की वसूली तीन महीने तक न करने के लिए आदेश जारी करवाने का कष्ट करें और उसका ब्याज भी न जोड़ा जाए।