Sunday , November 24 2024

कुछ भी हो सकता था युवती के साथ, तभी मदद को बढ़े हाथ…

-भटक कर कानपुर से लखनऊ पहुंची मानसिक दिव्‍यांग युवती

-संस्‍था एक दिव्‍य कोशिश ने आधी रात तक भी निभाया अपना फर्ज

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। दिल में जब समाज सेवा का जज्‍बा हो, इच्‍छाशक्ति प्रबल हो, तो लक्ष्‍य तक पहुंचने के लिए हिम्‍मत अपने आप आ जाती है, ऐसा ही बीती रात तब हुआ जब एक मानसिक दिव्‍यांग युवती, जो सड़क पर भटक रही थी, लेकिन कोरोना काल का डर उसे सुरक्षित जगह पहुंचाने में आड़े आ रहा था, ऐसे में लावारिस और जरूरतमंद लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाने वाले संस्‍था एक दिव्‍य कोशिश के संचालकों ने न सिर्फ युवती को निराश्रित गृह तक पहुंचाने की पहल की, बल्कि कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए सावधानी बरतते हुए अपनी गाड़ी से उसे अस्‍पताल ले जाकर जांच कराने के बाद सुरक्षित लीलावती सदन पहुंचाया।

इस बारे में संस्‍था के अध्‍यक्ष दीपक महाजन और चेयरपर्सन वर्षा वर्मा ने बताया कि गुरुवार रात लगभग 9:30 बजे हमारे पास एक टीवी चैनल के  पत्रकार इकबाल का फोन आया कि गोमती नगर लखनऊ के हुसड़ि‍या चौराहे के पास एक लड़की जिसकी उम्र 20 से 22 साल होगी, थोड़ी सी मानसिक दिव्यांग लग रही है और अपना नाम प्रियंका शुक्ला बता रही है, कानपुर से लखनऊ आई है और यहां भटक गई है। यह लड़की अपने आप को जूही स्टेट बैंक कानपुर के पास की रहने वाली बता रही है।

दीपक महाजन ने बताया कि हम लोग तुरंत हुसड़ि‍या चौराहा पहुंचे, जहां पर पुलिस की गाड़ी 112 नंबर भी खड़ी थी, गोमतीनगर थाने की सशस्त्र सीमा यादव भी थीं जिन्होंने बताया कि दोपहर 2 बजे से यह लड़की यहां है और कोई संस्था और कोई पुलिस वाला इसको कोरोना के डर से नहीं ले जा पा रहा है। दीपक ने बताया कि हम लोगों ने पहुंचकर 108 एंबुलेंस बुलाने के लिए कहा तो थाने वाले और पीआरवी 112 नंबर वाले आपस में एक-दूसरे की जिम्‍मेदारी बताते हुए बहस करने लगे।

दीपक ने बताया कि इसके बाद हमने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की सदस्य सुधा से बात की तो उन्होंने तत्काल सहयोग करते हुए हमें मोती नगर स्थित लीलावती सदन में ले जाने को कहा, हमने लीलावती सदन बात की तो उन्होंने कहा इस लड़की का पहले मेडिकल टेस्ट करा कर लाइए। इसके बाद न तो पीआरवी 112 और न ही गोमती नगर थाने की गाड़ी इस लड़की को अपने गाड़ी से लाने को तैयार थी। दीपक बताते हैं कि हमने हिम्मत करके लड़की को मास्‍क पहनाया, सैनिटाइजर से हाथ सैनिटाइज कराये और अपनी गाड़ी में बिठाकर सिविल हॉस्पिटल पहुंचे जहां इसका मेडिकल टेस्ट कराया और रात लगभग 12 बजे लीलावती सदन में इस युवती को स्थान दिलाया।

दीपक का कहना है कि रात को अगर यह सड़कों पर घूम रही होती तो इसके साथ कोई भी हादसा हो सकता था। उन्‍होंनें चाइल्‍ड वेलफेयर कमेटी की सदस्‍य सुधा का आभार प्रकट करते हुए कहा कि हम उनके शुक्रगुजार हैं, कि उन्‍होंने रात 10 बजे भी हमारा साथ दिया। उन्‍होंने बताया कि प्रभु हनुमान की अनुकंपा है कि हम लोग पूरे लॉकडाउन में बगैर कोरोना और अपनी मौत से डरे लावारिसों के लिए काम करते रहे। उन्‍होंने बताया कि प्रभु हनुमान ने लॉकडाउन के दौरान हमें 11 लावारिस शवों के दाह संस्कार की सेवा का मौका भी दिया। उन्‍होंने बताया कि कोई भी व्‍यक्ति जो मुसीबत हो वह उनसे 9450 111 567 या 83181 93805 नम्‍बर पर सम्‍पर्क कर सकता है।