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दैनिक जीवन शैली में स्वच्छता प्रथा अपनाने की अपील की अनुप्रिया ने

-स्वच्छता चैंपियंस और सफाई मित्रों को प्रमाण पत्र देकर किया गया अभिनंदन

-संजय गांधी पीजीआई में आयोजित हुआ स्वच्छ भारत दिवस कार्यक्रम

सेहत टाइम्स

लखनऊ। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने स्वच्छता और सफाई को बढ़ाने के लिए सरकार की पहल पर जोर देते हुए नागरिकों से अपनी दैनिक जीवनशैली में स्थायी स्वच्छता प्रथाओं को अपनाने की अपील की है। राज्यमंत्री ने यह अपील आज संजय गांधी पीजीआई में स्वच्छ भारत दिवस कार्यक्रम में भाग लेते हुए अपने सम्बोधन में की। उन्होंने स्वच्छता के प्रति प्रोत्साहित करते हुए सभी उपस्थित लोगों से स्वच्छ भारत मिशन में सक्रिय रूप से भाग लेने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ वातावरण बनाने का संकल्प लेने का भी आह्वान किया।

उत्तर प्रदेश राज्य में स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के प्रभाव को बढ़ाने के लिए चल रहे प्रयासों के हिस्से के रूप में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, अनुप्रिया पटेल ने 2 अक्टूबर को एसजीपीजीआई, लखनऊ का दौरा किया और स्वच्छ भारत दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। उनके साथ विधायक डॉ आर के पटेल भी मौजूद थे। उनकी यात्रा पूरे देश में स्वच्छता की संस्कृति को बढ़ावा देने और स्वच्छता सुविधाओं में सुधार करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। एस जी पी जी आई में कार्यक्रम सुबह 10ः00 बजे डॉ. एच.जी. खुराना ऑडिटोरियम, सेंट्रल लाइब्रेरी कॉम्प्लेक्स में शुरू हुआ।

कार्यक्रम में आये अतिथियों का स्वागत उन्हें पुष्पगुच्छ देकर किया गया। इसके बाद उपस्थित लोग प्रधानमंत्री के संबोधन का सीधा प्रसारण देखने के लिए एकत्रित हुए। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्वच्छ भारत मिशन के महत्व पर प्रकाश डाला, पिछले दशक में इसकी उपलब्धियों का जश्न मनाया, और स्वच्छता और सफाई को बढ़ावा देने में सभी नागरिकों की सामूहिक जिम्मेदारी को रेखांकित किया। प्रसारण के बाद, संस्थान में एक सफाई अभियान (स्वच्छता अभियान) आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों को अपने आस-पास की सफाई को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना था। इस अभियान में राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल और संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रो आरके धीमन ने भी झाड़ू लगायी।

इसके बाद स्टेज पर कार्यक्रम की शुरुआत हुई और महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को पुष्पांजलि अर्पित की गई। सभी का स्वागत करते हुए प्रो. आर. के. धीमन ने अपने संबोधन में संस्थान की चल रही कोशिशों को रेखांकित किया, जो स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों के साथ मेल खाती हैं। उन्होंने स्वास्थ्य, स्वच्छता और सफाई को बढ़ावा देने के लिए संस्थान और व्यापक समुदाय में लागू की गई पहलों का विस्तृत वर्णन किया।

कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता चैंपियंस और सफाई मित्रों का अभिनंदन किया गया, जिन्हें प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रदान कर उनके अटूट समर्पण और स्वच्छ भारत मिशन की गति को आगे बढ़ाने में उनके प्रभावशाली योगदान को मान्यता दी गई। आपको बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का श्रेय काफी हद तक इसके गुमनाम नायकों – स्वच्छता चैंपियंस और सफाई मित्रों – के समर्पण और अथक प्रयासों को दिया जाता है, जिन्होंने स्वच्छ, सुरक्षित सार्वजनिक स्थानों को सुनिश्चित करने के लिए अग्रिम पंक्ति में काम किया है। ये चैंपियन सामुदायिक नेता और स्वयंसेवक हैं जिन्होंने उदाहरण के तौर पर नेतृत्व किया है, स्वच्छता की पहल की है और उचित अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में दूसरों को शिक्षित किया है।

डॉ. आर. हर्षवर्धन, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, अस्पताल प्रशासन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया, उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सामूहिक प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें संकाय सदस्य, स्वास्थ्य सेवा पेशेवर और स्टाफ शामिल थे।

ज्ञात हो आज 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत दिवस का आयोजन करके देश ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल करते हुए स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगांठ मनायी। स्वच्छ भारत मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को लॉन्च किया गया था। यह दिन दोहरा महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन दो श्रद्धेय नेताओं, महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी होती है, जिन्होंने सादगी और आत्मनिर्भरता के सिद्धांतों को अपनाया।

महात्मा गांधी की विरासत के सम्मान में, स्वच्छ भारत मिशन का आरंभ किया गया ताकि देश की स्वच्छता की चुनौतियों का सामना किया जा सके और भारत में स्वच्छता की संस्कृति को बढ़ावा दिया जा सके। पिछले एक दशक में, इस ऐतिहासिक पहल ने देश के स्वच्छता परिदृश्य को बदल दिया है, जिससे समुदायों के स्वच्छता और पर्यावरण स्वास्थ्य के प्रति दृष्टिकोण और प्रथाएँ महत्वपूर्ण रूप से बदल गई हैं। इस वर्ष की थीम, “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता“ न केवल स्वच्छता की आदतों को बल्कि इस लोकाचार को संचालित करने वाले मूल्यों और संस्कृति को भी विकसित करने के महत्व को रेखांकित करती है।

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