Friday , April 26 2024

गर्भवती माता में खून की कमी दे सकती है शिशु को ऑटिज्‍म बीमारी

एनीमिया पर आयोजित कार्यशाला में दी गयीं महत्‍वपूर्ण जानकारियां 

आगरा/लखनऊ। गर्भावस्था के दौरान खून की कमी से पीड़ित होने की काफी संभावना होती है। बच्चे के सही विकास के लिए मां के शरीर में पर्याप्त मात्रा में खून मौजूद रहना चाहिए। आयरन की कमी होने के कारण गर्भवती मां और उसके होने वाले बच्चे पर इसका गहरा असर पड़ता है। बच्‍चे को ऑटिज्म और अन्य मानसिक बीमारियों का खतरा हो सकता है। यह कहना है रेनबो हॉस्पिटल के निदेशक डॉ नरेंद्र मल्होत्रा का।

देखें वीडियो

रेनबो हॉस्पिटल में गुरुवार को गर्भावस्था में एनीमिया विषय पर आयोजित कार्यशाला में डॉ नरेंद्र ने बताया कि प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में एनीमिया से पीड़ित हुई महिलाओं के बच्चों में ऑटिज्म और अन्य मानसिक बीमारियों का खतरा हो सकता है। एनीमिया गर्भवती मां और उसके होने वाले बच्चे में पाई गई स्वास्थ्य समस्याओं का सबसे बड़ा कारण है। इसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। न ही गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में न ही बाद में। उन्होंने आधुनिक दवाओं और इलाज पर विस्तार से जानकारी दी।

रेनबो आईवीफ की निदेशक डॉ जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि एनीमिया की जांच आमतौर पर प्रेग्नेंसी के आखिरी तीन महीनों में की जाती है क्योंकि आखिरी तीन महीनों में ही बच्चे के विकास में खून की सबसे ज्यादा खपत होती है, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है। न सिर्फ गर्भावस्था बल्कि इससे पहले ही एक महिला को अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना चाहिए। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ अरविंद जैन, डॉ स्तुति शर्मा, डॉ विश्वदीपक ने एनीमिया के उपचार पर जानकारी दी। संचालन डॉ राजीव लोचन शर्मा ने किया।

इस दौरान डॉ निहारिका मल्होत्रा, डॉ केशव मल्होत्रा, डॉ मनप्रीत शर्मा, डॉ नीरजा सचदेव, डॉ शैली गुप्ता आदि मौजूद थे।