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गेहूं और जौ का परहेज कर स्‍वस्‍थ रह सकता है सीलिएक रोग से ग्रस्‍त व्‍यक्ति

-राष्‍ट्रीय पोषण माह के मौके पर पीडियाट्रिक गैस्‍ट्रो विभाग ने आयोजित किया कार्यक्रम

सेहत टाइम्‍स  

लखनऊ। एसजीपीजीआई में पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर सीलिएक रोग से सम्बंधित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान  के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन,  मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो संजय धीराज, चिकित्सा अधीक्षक प्रो वीके पालीवाल उपस्थित हुए। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो यू सी घोषाल, प्रो प्रवीर राय, प्रो समीर मोहिंद्रा तथा पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफसर उज्‍ज्‍वल पोद्दार, प्रो अंशु श्रीवास्तव, प्रो एलके भारती और डॉ मोइनक सेन शर्मा शामिल हुए।

राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में निदेशक  और सभी संकाय सदस्यों द्वारा पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के प्रो एल के भारती व डायटीशियन नीलू द्वारा लिखित सीलिएक बीमारी पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया गया। बाद में इस पुस्तिका का वितरण सभी सीलिएक मरीजों को निःशुल्क किया गया। निदेशक ने सीलिएक मरीजों को सम्बोधित करते हुए बताया कि‍ इस बीमारी का मरीज गेहूं और जौ से बनी चीजों का परहेज करके पूरी तरह स्वस्थ रह सकता है तथा उसके शारीरिक और मानसिक विकास में कोई भी रुकावट नहीं आती।

हिंदी में इस पुस्तिका के होने के कारण बहुत आसानी से लोगों के समझ में आएगी और सीलिएक रोग के उपचार में बहुत उपयोगी साबित होगी। प्रो उज्‍ज्‍वल पोद्दार ने बताया कि इस बीमारी की जानकारी तीन दशकों पहले बहुत कम थी, मगर वर्तमान समय में जनसामान्य में बहुत जागरूकता है। यह पुस्तक सीलिएक मरीजों द्वारा पूछे गए अनेक प्रश्नों के उत्तर प्रस्तुत करती है जिसमें खाने पीने से लेकर कई सारे  सामाजिक सरोकार के प्रश्न भी शामिल हैं।

मुख्या चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजय धीराज ने बताया कि मिलेट्स जैसे ग्लूटेन फ्री मोटे अनाजों का भी लोगों को अपने भोजन में उपयोग करना चाहिए। संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रो वीके पालीवाल ने पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएन्ट्रोलाजी विभाग के इस प्रयास की प्रशंसा की और कहा कि मरीजों के हित के लिए हर विभाग की मुख्य बीमारियों के बारे में ऐसी पुस्तिका होनी चाहिए।

प्रो अंशु श्रीवास्तव ने बताया की ग्लूटेन फ्री भोजन का उपयोग पूरे शिद्दत के साथ हर सीलिएक बच्चे को करना चाहिए, जो कि सीलिएक  रोग का एकमात्र इलाज है। प्रो प्रवीर राय ने बताया की यह पुस्तिका सीलिएक मरीजों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी। डॉ मोयनक सेन शर्मा ने सीलिएक मरीजों के द्वारा ग्लूटेन फ्री डाइट का अच्छे से अनुपालन करने के लिए उनकी प्रशंसा की। 

संस्थान के पेशेंट किचन एवं डाइटरी सर्विसेज के नोडल अफसर प्रोफेसर एलके भारती ने स्पष्ट किया कि सीलिएक मरीजों को इस बीमारी से सम्बंधित बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जायेंगे तथा कई सामाजिक  प्रश्नों का भी समाधान इस पुस्तक में लिखा गया है।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की विशेषज्ञ डायटीशियन नीलू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नीलू के साथ-साथ डायटीशियन मोनी, शिखा और प्रतिभा ने भी अपना योगदान दिया। इस मौके पर संस्थान की सभी डायटीशियन, ओपीडी कर्मचारी भी  उपस्थित रहे। राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर संस्थान में इस क्रम में यह तीसरा कार्यक्रम था।

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