Wednesday , January 8 2025

एक्यूट लिवर फेल्योर के मरीज को केजीएमयू के टीवीयू में मिली नयी जिन्दगी

-डेढ़ माह इलाज के बाद निजी अस्पताल ने हाथ किये खड़े, रेफर किया था केजीएमयू

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू ट्रॉमा वेंटिलेटरी यूनिट (टीवीयू) ने निजी अस्पताल से निराश एक्यूट लिवर फेलियर के रोगी की जान बचाकर उसे नयी जिन्दगी दी है। जब रोगी को उच्च स्तरीय वेंटिलेटर सपोर्ट की आवश्यकता थी, उस समय निजी अस्पताल ने रोगी की जटिल बीमारियों के रहते अपने हाथ खड़े कर दिए थे और मरीज़ की जान का खतरा देख केजीएमयू ले जाने ही हिदायत दी थी।

यह जानकारी देते हुए केजीएमयू के ट्रॉमा वेंटिलेटरी यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर ज़िया अरशद ने बताया कि ट्रॉमा वेंटिलेटरी यूनिट में अमेठी निवासी एक 30 वर्षीय पुरुष रोगी को भर्ती किया गया था। वे पहले लखनऊ के एक निजी अस्पताल में 1.5 महीने तक भर्ती रहे थे, जहाँ उन्हें हेपेटिक फेल्योर, अल्टर्ड सेंसोरियम (होशोहवास खो जाना), मेनिंगोइन्सेफेलाइटिस (दिमागी सूजन), थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (प्लेटलेट्स की कमी) और सेप्टिक शॉक (शरीर में इन्फेक्शन का फैल जाना, जिससे ब्लड प्रेशर कम हो गया) जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा।

उन्होंने बताया कि मरीज की हालत बहुत गंभीर थी। उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया उनकी स्थिति का गहनता से मूल्यांकन कर प्रभावी उपचार दिया गया। मरीज अब वेंटिलेटर से बाहर है और उनकी लिवर प्रोफाइल में सुधार हो रहा है। उन्होंने बताया कि रोगी की स्थिति अब स्थिर है और उन्हें जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। आईसीयू के चिकित्सक डॉ. रवि प्रकाश और डॉ. अभिषेक राजपूत ने बताया कि रोगी की स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है और उनका उपचार सफल रहा है। रेजिडेंट डॉ अंकुर, डॉ सृष्टि, डॉ स्वाती और डॉ ज़ौ ने मरीज की निगरानी और इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.