उत्तर प्रदेश का पहला मिल्क बैंक खुल रहा है केजीएमयू में
लखनऊ। नये साल में जनवरी माह के अंत तक केजीएमयू में मिल्क बैंक खुलेगा। इस बैंक के खुलने से उन नवजात शिशुओं को विशेष लाभ मिलेगा जो किसी कारणवश मां के दूध से वंचित रहते हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार से 95 लाख रुपये की पहली किस्त भी जारी हो गयी है, जो कि छह माह के लिए है। डिब्बाबंद दूध किसी भी दशा में मां के दूध का स्थान नहीं ले सकता है, नतीजतन बच्चों को पौष्टिकता और रोगों से लड़ने की शक्ति नहीं मिल पाती है। उन्होंने बताया कि अगर सिर्फ केजीएमयू की बात करें तो करीब 30 फीसदी नवजात शिशुओं को मां का दूध नहीं मिल पाता है।
यह जानकारी केजीएमयू में आयोजित पत्रकार वार्ता में कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट की उपस्थिति में बाल रोग विभाग की हेड प्रो माला कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि अनेक बार ऐसा होता है कि हमारे विभाग में नवजात भर्ती होते हैं वे मां के वहां उपस्थित न होने, मां के बीमार होने, जन्म के बाद माता की मृत्यु होने या किसी भी अन्य कारण की वजह से मां के दूध से वंचित रह जाते हैं, ऐसे बच्चों को मजबूरी में लोग डिब्बे का या अन्य दूध पिलाते हैं, ऐसे बच्चों के लिए स्थापित होने जा रहे इस मिल्क बैंक से दूध दिया जायेगा जिससे उन्हें मां के दूध की कुदरती पौष्टिकता मिले। उन्होंने बताया कि डिब्बे के दूध में एंटी बॉडीज नहीं होता है, जो कि शिशु के लिए अत्यंत आवश्यक है।
ऊन्होंने बताया कि मिल्क बैंक चलाना बहुत ही चुनौती भरा कार्य है, क्योंकि जो दूध बैंक में आ रहा है, उसमें कुछ संक्रमण तो नहीं है, इसकी जांच करने के पश्चात ही शिशु के लिए दिया जायेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि दूध बैंक को दान देने के लिए महिलाओं को जागरूक किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जो माताएं अपने शिशु को दूध पिला रही हैं, वे भी अपना अतिरिक्त दूध बैंक को दान कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए काफी जागरूकता की जरूरत है क्योंकि बैंक की जरूरत दूध दान देने वाली माताएं ही पूरी कर सकती हैं।
दूध के रखरखाव के बारे में उन्होंने बताया कि साधारण रूप से 6 घंटे तक दूध खराब नहीं होता है, और अगर फ्रिज में रखा है तो 24 घंटे तक खराब नहीं होता है। लेकिन इस तरह के मिल्क बैंक में जब दूध रखा जाता है तो वहां ऐसे फ्रीजर होते हैं जिनमें तीन माह तक मां के दूध को सुरक्षित रखा जा सकता है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि फिलहाल इस बैंक से दूध यहां भर्ती बच्चों को ही दिया जायेगा लेकिन आगे चलकर जब स्टॉक बढ़ेगा तो दूसरे अस्पतालों में भर्ती शिशुओं के लिए भी यह सुविधा दी जायेगी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में खुलने वाला यह पहला मिल्क बैंक है, जबकि पूरे देश में 57 मिल्क बैंक चल रहे हैं।