रेस्पेरेटरी विभाग के मुखिया प्रो सूर्यकांत सहित चार अन्य डॉक्टरों को पेरिस कॉन्फ्रेंस से न्योता
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय केजीएमयू के रेस्पेरेटरी विभाग को एक और गौरव हासिल हुआ है, विभाग के पांच शोध पत्र यूरोपियन रेस्पेरेटरी सोसाइटी की फ्रांस के पेरिस में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किये जाने की स्वीकृति मिली है। यह रिकॉर्ड है अब तक भारत के किसी भी रेस्पेरेटरी विभाग के पांच शोध पत्रों को इस कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत करने की स्वीकृति नहीं मिली है। विभाग की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने प्रो सूर्यकांत को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
यह जानकारी देते हुए विभागाध्यक्ष प्रो सूर्यकांत ने बताया कि उनके साथ ही विभाग के चार और डॉक्टरों के शोध पत्रों को पेरिस में 15 सितम्बर से 19 सितम्बर तक होने वाली इस कॉन्फ्रेंस में शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रण मिला है। ये हैं डॉ दर्शन बजाज, सीनियर रेजीडेन्ट डॉ ज्योति बाजपेई के अलावा दो शोधार्थी डॉ कंचन श्रीवास्तव और डॉ अपूर्वा नारायण।
डॉ सूर्यकांत ने बताया कि श्वास रोग की इस सबसे बड़ी कॉन्फ्रेंस में हमारे विभाग से जिन विषयों के शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे उनमें पहले शोध में एक्स्ट्रा पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस में ड्रग रेजिस्टेंस के बढ़ते हुए स्तर का अध्ययन किया गया है, दूसरे शोध में टीबी में ड्रग रेजिस्टेंस के जेनेटिक पैटर्न का अध्ययन किया गया है, तीसरे शोध में महिलाओं में टीबी का पैटर्न तथा पुरुषों की तुलना में महिलाओं में होने वाली टीबी की कठिनाइयां एवं सामाजिक प्रभाव का अध्ययन किया गया है। इसी प्रकार चौथे शोध में अस्थमा और योग स्नोफीलिया के तुलनात्मक अंतर का अध्ययन किया गया है तथा पांचवा शोध फेफड़े की टीबी में जेनेटिक एक्सप्रेशन के अध्ययन पर आधारित है।