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‘केजीएमयू लव जिहाद’ मामले में हाईकोर्ट में पीआईएल दायर करेगा एनएमओ

-गठित समिति का स्वरूप हमें स्वीकार नहीं तो साक्ष्य भेजने का क्या अर्थ : डॉ शिवम कृष्णन

डॉ शिवम कृष्णन

 

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग की हिन्दू महिला रेजीडेंट द्वारा आत्महत्या के प्रयास से बाद सामने आये कथित लव जिहाद के मामले में नेशनल मेडिकोज़ आर्गेनाइज़ेशन ने कहा है कि छुट्टियों के बाद उच्च न्यायालय खुलने पर इस मामले की यथोचित जांच के लिए पीआईएल दाखिल की जायेगी। इसके अलावा केजीएमयू एंटी लव जेहाद संघर्ष समिति का निर्माण, जिसमें महिला अधिवक्ता और महिला चिकित्सक रहेंगी तथा इस मामले को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन और आंदोलन किये जायेंगे।

यह कहना है ​नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन एनएमओ महानगर इकाई के संयोजक डॉ शिवम कृष्णन का। साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के बारे में उन्होंने कहा कि पूर्व में दो बार स्पष्ट किया जा चुका है कि एनएमओ ऐसी किसी भी कमेटी को गलती से भी मान्यता नहीं देगा जिसमें अधिकांश लोग केजीएमयू प्रशासन की हाँ में हाँ मिलाने वाले हों। उन्होंने कहा कि केजीएमयू प्रशासन की असली मंशा इसी बात से स्पष्ट हो जाती है कि जिस फैकल्टी के ऊपर आरोप है कि आरोपी रेजीडेंट डॉ रमीजुद्दीन नायक उन्हीं से मिलकर सारे मामले को रफा दफा कराने में लगा था, उसे छुट्टी से बुलाकर उसी लैब में बैठा दिया जहाँ से कुछ सबूत मिलने की संभावना थी। जिस व्यक्ति को केजीएमयू प्रशासन इतने आरोपों के बाद भी लैब इंचार्ज और फैकल्टी इंचार्ज बनाकर रखी हुई है, उसके ख़िलाफ़ कोई फैकल्टी या लैब का कर्मचारी मुंह खोलेगा यह कल्पना करना भी कठिन है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केजीएमयू का प्रशासन जानबूझकर उस फैकल्टी को बचाने के लिए उसे इन पदों पर बनाए हुए है ताकि उसका ख़ौफ़ कर्मचारियों और फैकल्टी में बना रहे। एनएमओ महानगर इकाई इस बात की घोर निंदा करती है।
हमने पहले भी अपने प्रदर्शनों में यह स्पष्ट किया है कि यह कोई बड़ा रैकेट है जिसके लिए एसटीएफ अथवा एटीएस जांच की जरूरत है।

उन्होेंने कहा कि ऑनलाइन, सोशल मीडिया के माध्यम से जनजागरण जारी रहेगा फिलहाल अभी इस सप्ताह तक संगठन केजीएमयू प्रशासन के रवैये का इंतज़ार करेगा। हालांकि इस बीच आम नागरिक अपना व्यक्तिगत प्रदर्शन करते रहेंगे। संगठन समाज के विभिन्न संगठनों से लगातार संपर्क में है और जल्द ही इस पर और भी व्यापक कदम देखने को मिल सकते हैं। हमारा संगठन अभी अगले दो दिन तक यह देखेगा कि केजीएमयू प्रशासन आरोपी शिक्षक के साथ खड़ा रहता है या नहीं, यदि रहता है तो आंदोलनों का नया खेप पुनः शुरू होगा। इस संवेदनशील मामले को किसी भी तरह से नहीं छोड़ा जा सकता। हम बलात्कार जैसे जघन्य घटना में किसी के मौत का इंतज़ार नहीं कर सकते।

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