-गठित समिति ने वर्ग विशेष के लोगों की बड़ी संख्या में भर्ती के आरोप को किया खारिज

सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में पिछले दिनों हिन्दू महिला रेजीडेंट डॉक्टर द्वारा आत्महत्या के प्रयास के बाद उजागर हुए लव जिहाद मामले की जांच को लेकर केजीएमयू प्रशासन द्वारा गठित की गयी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में जहां एक महिला सदस्य और एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी को शामिल किया गया है, वहीं एक ईमेल आईडी जारी किया गया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति केजीएमयू में धर्मान्तरण से जुड़ी जानकारी, घटना, सबूतों को भेज सकता है। इसके अलावा जांच समिति ने केजीएमयू में गैर शैक्षणिक कर्मचारियों में एक वर्ग विशेष की बड़ी संख्या में भर्ती किये जाने के आरोपों को खारिज कर दिया है।
केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता प्रो केके सिंह ने बताया कि केजीएमयू प्रशासन ने जांच के लिए गठित समिति में एक महिला (डॉ अंजू अग्रवाल, विभागाध्यक्ष, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग तथा भावेश कुमार सिंह (रिटायर्ड आईपीएस, जो कि पूर्व डायरेक्टर जनरल पुलिस और पूर्व अध्यक्ष सूचना आयोग है) को जांच कमेटी में शामिल किया है।
उन्होंने बताया कि 29 दिसम्बर को कमेटी की सायं 4:00 बजे शल्य चिकित्सा विभाग के सभागार में बैठक हुई जिसमें धर्मातरण से जुड़ी किसी भी जानकारी, घटना अथवा सबूत उपलब्ध कराने के लिए इमेल आई०डी० (factfindingcommittee@kgmcindia.edu) जारी किये जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस ईमेल पर के०जी०एम०यू० के सभी लोगों के साथ मीडिया के माध्यम से आम जनता को भी साझा किया जा रहा है, जिस पर जानकारी दी जा सकती है।
उन्होंने बताया कि दिनांक 26.12.2025 को विश्व हिन्दू परिषद के कुछ पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित समिति के साथ कुलपति कार्यालय में बैठक की। समिति द्वारा उनको अवगत कराया गया कि 24 तारीख को दिए गए ज्ञापन में विश्व हिंदू परिषद द्वारा रखी गई मांगों पर कार्रवाई करते हुए आरोपित छात्र को निलंबित कर दिया गया है और केजीएमयू कैंपस में आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है साथ ही पुलिस में FIR भी हो गई है जिससे पुलिस मामले की तह तक जाकर जांच करें।
प्रो सिंह ने बताया है कि समिति ने इस आरोप को निराधार पाया कि के०जी०एमू०यू० में संविदा कर्मचारियों में विशेष समुदाय के अधिक लोग है। समिति ने पाया कि के०जी०एम०यू० में टोटल कांट्रेक्चुअल नॉन टीचिंग एम्पलाइज 3995 है इसमें माइनॉरिटी एम्पलाइज 289 है। पैथालोजी विभाग में कांट्रेक्चुअल नॉन टीचिंग एम्पलाइज 51 है इसमें से 02 माइनॉरिटी एम्पलाइज है। पीओसीटी में कांट्रेक्चुअल नॉन टीचिंग 174 है जिसमें से 25 माइनॉरिटी हैं।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने मीडिया को इस प्रकरण से प्रेस स्टेटमेंट देने के लिए एक समिति गठित कर दी है जिसमें प्रो० केके सिंह (समिति अध्यक्ष), प्रो० आरएएस कुशवाहा (कुलानुशासक) एवं प्रो० अंजू अग्रवाल, विभागाध्यक्ष, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग सदस्य शामिल हैं। ज्ञात हो इससे पूर्व विश्व हिन्दू परिषद अवध प्रांत ने इस मसले को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें आरोपी रेजीडेंट डॉक्टर पर सिर्फ निलंबन की कार्रवाई, गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के स्वरूप सहित कई अन्य बातों पर अपना विरोध जताया है।
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