-केजीएमयू के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के 38वें स्थापना दिवस समारोह में दिया प्रो.जीएन अग्रवाल व्याख्यान
सेहत टाइम्स
लखनऊ। एम्स ऋषिकेश में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. एमके गुप्ता ने कहा है कि देश में हर साल कैंसर के करीब 15 लाख नए मरीज मिलते हैं। इनमें से नौ लाख की मौत हो जाती है। इसके पीछे एक बड़ी वजह इलाज के लायक संसाधन नहीं जुटा पाना भी है। यदि हर मेडिकल कॉलेज में रेडियेशन ऑन्कोलॉजी विभाग स्थापित करना अनिवार्य कर दिया जाये तो प्रत्येक जनपद के कैंसर मरीजों के लिए रेडियोथैरेपी का इलाज कराना उनकी पहुंच में होकर आसान हो जायेगा, जिससे मौतों का आंकड़ा नीचे लाया जा सकता है।
प्रो एमके गुप्ता ने यह सुझाव आज 16 दिसम्बर को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के 38वें स्थापना दिवस समारोह में प्रो.जीएन अग्रवाल व्याख्यान में बोलते हुए दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हालत यह है कि बरेली के कैंसर पीड़ित मरीज को कई जनपद पार करके इलाज के लिए लखनऊ आना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसका समाधान राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के पास है। आयोग हर मेडिकल कॉलेज में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग को अनिवार्य कर सकता है। इससे हर जनपद में कैंसर के इलाज की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद और विशिष्टि अतिथि के रूप में संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के डीन प्रो. शालीन कुमार मौजूद रहे। प्रो. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग में जल्द ही लीनियर एक्सीलरेटर मशीन लगेगी। इससे वेंटिंग वाले मरीजों को राहत मिलेगी।
प्रो शालीन कुमार ने विभाग से जुड़ी अपनी यादें साझा कीं। उन्होंने कहा कि छात्रों को उन्नत शिक्षा के साथ-साथ मधुर व्यवहार भी सीखना चाहिए। समारोह के दौरान विभाग के कर्मियों को पुरस्कार दिए गए। जिन लोगों को पुरस्कार दिया गया है उनमें संदीप मिश्रा, प्रियंका शर्मा, प्रियंका गौतम, एकता मौर्या, अवधेश कुमार यादव, अमित कुमार, शीबा फातिमा के अलावा POCT के सहयोग के लिए अमित अग्रवाल, कैंप संचालन के लिए राजेंद्र मौर्या, निर्मल कुमार, छात्रों में ओमल वाजपेई और आस्था शर्मा शामिल हैं। विभागाध्यक्ष प्रो. राजीव गुप्ता ने वार्षिक रिपोर्ट पेश की। समारोह में विभिन्न संकाय सदस्यों की उपस्थिति रही।