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100 में 33 लोगों की अचानक हृदय गति रुकने से हो जाती है मौत, क्या है वजह और कैसे बचें

-कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के चार दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन भी विशेषज्ञों ने दीं अहम् जानकारियां

-देश भर के 15 वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया सीएसआई फेलोशिप से सम्मानित

धर्मेन्द्र सक्सेना

लखनऊ। किसी व्यक्ति की चलने-फिरने में साँस फूल रही है, जल्दी थकान हो जा रही है, हाथ-पैरों में सूजन है तो उसे अपने हार्ट की जांच जरूर करनी चाहिये, यह लक्षण हार्ट फेलियर का प्रारंभिक लक्षण हो सकता हैं। ऐसे में अचानक कार्डियक अरेस्ट होने से मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा देखा गया है कि 100 में से 33 लोगों को अचानक कार्डियक अरेस्ट हो जाता है, बिना किसी कारण हृदय की गति रुक जाती है। इको जांच में अगर हृदय की पंपिंग क्षमता 50 प्रतिशत से कम पायी जाती है तो इसका अर्थ है कि पम्पिंग क्षमता बढ़ाने के लिए आपको उपचार की आवश्यकता है। पम्पिंग क्षमता बढ़ाने के लिए दवाएं भी हैं और डिवाइस भी मौजूद हैं।

यह जानकारी लखनऊ में चले रहे कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के चार दिवसीय वार्षिक सम्मेलन CSICON2024 के दूसरे दिन 6 दिसम्बर को विशेषज्ञों ने दी। इटली से आए डा० फिलिप्पो क्रिया ने हार्ट फेलियर के विषय में चर्चा करते हुए बताया कि आधुनिक उपचार के कारण व्यक्ति की उम्र तो बढ़ी है पर साथ ही साथ हार्ट फेलियर के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। केजीएमयू के डा० ऋषि सेठी व ऑस्ट्रेलिया के डा० आंद्रे एन० जी० ने हार्ट की पंपिंग क्षमता कम होने पर कॉम्बो डिवाइस की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। अमेरिका के चिकित्सक डा० नवीन सी० नंदा ने इको द्वारा हार्ट फेलियर की जाँच के बारे में विस्तार से बताया।

डा० अनीता सक्सेना व डा० रूपाली खन्ना ने महिलाओं में होने वाले हृदय रोगों पर चर्चा की। महिलाओं में होने वाले कार्डियो वेस्कुलर डिजीज पर हुई चर्चा के बारे में डॉ रूपाली खन्ना ने बताया कि जिन महिलाओं को पैदाइशी दिल की बीमारियां रह चुकी होती हैं, उन्हें गर्भधारण करने से पूर्व चिकित्सक से अवश्य सलाह लेनी चाहिये कि उन्हें किस प्रकार की सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। दिल्ली के डा० विवेका कुमार ने हार्ट फेलियर के गुर्दे पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों और उसके उपचार पर अपना व्याख्यान दिया। अमेरिका की डा० नताशा जी० पाण्डियां ने इस वर्ष की दस बड़ी रिसर्च के बारे में बताया। प्लेनरी सेशन में डा० डी० प्रभाकरन ने हृदय रोग और डायबिटीज पर चर्चा की। डा० प्रभाकरण ने बताया कि शुगर के रोगियों में हार्ट अटैक की संभावना 3 से 4 गुना ज़्यादा होती है। देश की प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डा० आई० बी० विजयलक्ष्मी ने अमलानन्द दास मेमोरियल लेक्चर में हृदय रोगों के उपचार में रोगी की मानसिक स्थिति की सबलता व डिवाइन पावर पर अपने विचार साझा किये ।डा० धीमान काहली ने बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के उपचार पर अपने विचार दिये। डॉ काहली ने बताया कि स्वस्थ ख़ान-पान व एक्सरसाइज से गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। डा० अश्वनी मेहता ने एंजियोप्लास्टी के बाद रोगी को क्या एहतियात रखने चाहिए के विषय में बताया। डा० पी० सी० मंडल व डा० गणेशन ने रूमैटिक हार्ट डिजीस के बारे में बताया।

इसके अतिरिक्त स्नातकोत्तर छात्रों ने अपनी नई शोधों पर पेपर प्रस्तुत किए। विभिन्न संस्थानों से आए टेक्निशियन व नर्सेस ने हृदय रोगों से संबंधित विभिन्न कार्यशालाओं में प्रतिभाग किया। फार्मा इंडस्ट्री के स्टालों पर नये उत्पादों व दवाओं पर चर्चा की गयी। सम्मेलन के मुख्य आयोजक डा० सत्येन्द्र तिवारी ने बताया कि आज सम्मेलन में कई नई तकनीकियों पर चर्चा की गयी।

इन विशेषज्ञों को मिली सीएसआई फेलोशिप

शाम को हुए आयोजित समारोह में देश के 15 वरिष्ठ कार्डियोलॉजी विशेषज्ञों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा सीएसआई फेलोशिप से भी सम्मानित किया गया। जिन विशेषज्ञों को सम्मानित किया गया उनमें 1 डॉ. अक्षय प्रधान, लखनऊ 2 डॉ. विकास अग्रवाल, वाराणसी 3 डॉ. पचानी निखिला अंकुर, राजकोट 4 डॉ. स्मित श्रीवास्तव, रायपुर 5 डॉ. सजीर कलाथिंगाथोडिका, मलप्पुरम 6 डॉ. आई.वी.एम.आर. तम्मी राजू, एलुरु (आंध्र प्रदेश) 7 डॉ. रोहित मोदी, बठिंडा 8 डॉ. अनुपम गोयल, दिल्ली 9 डॉ. वी. महादेवन, चेन्नई 10 डॉ. रेखा मिश्रा, नोएडा 11 डॉ. ए. विद्या सागर, करीमनगर, (आंध्र प्रदेश) 12 डॉ. जमाल यूसुफ, नई दिल्ली 13 डॉ. गिरीश एम.पी., दिल्ली 14 डॉ. रूपाली खन्ना, लखनऊ और 15 डॉ. जे. नंबिराजन, तमिलनाडु शामिल हैं।

यू० पी० चैप्टर के सदस्यों डा० एस० के० द्विवेदी, डा० आदित्य कपूर, डा० नवीन गर्ग, डा० ऋषि सेठी, डा० शरद चंद्रा, डा० रूपाली खन्ना, डा० भुवन तिवारी, डा० अवधेश शर्मा व डा० अंकित साहू ने सम्मेलन में आए हुए सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया।

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