-इग्निस हॉस्पिटल के संचालक हैं वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ रविदेव, केजीएमयू के प्रोफेसर भी रह चुके हैं

सेहत टाइम्स
लखनऊ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ के नेतृत्व में चिकित्सकों द्वारा किया गया विरोध और हड़ताल की चेतावनी देना रंग लाया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पिटाई के वीडियो, चिकित्सकों द्वारा सड़क पर उतरकर डीसीपी पूर्व से मुलाकात और दिखाये गये तेवरों का पुलिस प्रशासन पर असर हुआ और 23 जुलाई की देर रात्रि में हुई वरिष्ठ न्यूरो सर्जन इग्निस हॉस्पिटल के संचालक डॉ रवि देव और स्टाफ की पिटाई और अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना के दो आरोपियों को 25 जुलाई को देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार हुए आरोपियों में 20 वर्षीय अंशु सिंह और 31 वर्षीय प्रदीप सिंह शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपी अंशु सिंह उन्हीं श्याम कुमार सिंह का पुत्र है, जिनकी मौत के बाद नाराज परिजनों ने पिटाई और तोड़फोड़ की इस घटना को अंजाम दिया था।
ज्ञात हो आईएमए के तत्वावधान में 25 जुलाई को जनरल बॉडी की आपात बैठक बुलाकर चिकित्सक सीधे सड़क पर उतर आये थे। आईएमए के चिकित्सकों के साथ ही लखनऊ नर्सिंग होम एसोसिएशन, पीएमएस एसोसिएशन, एपीएमपी एसोसिएशन, पैथोलॉजी एसोसिएशन, न्यूरोलॉजी एसोसिएशन के करीब 150 चिकित्सक सड़क पर उतरे थे। चिकित्सकों ने डीसीपी पूर्वी प्रबल प्रताप सिंह के कार्यालय पहुंच कर उनसे मुलाकात कर घटना की घोर निन्दा करते हुए मांग की थी कि जानलेवा हमला करने वालों के खिलाफ जानलेवा हमले की धाराओं के तहत हमलावरों की गिरफ्तारी की जाये जिससे कड़ी सजा मिल सके।
ज्ञात हो 23 जुलाई की रात्रि में गोमती नगर स्थित इग्निस हॉस्पिटल के संचालक न्यूरोसर्जन डॉ रवि देव की अस्पताल में भर्ती मरीज की मृत्यु के बाद परिजनों ने निर्दयता के साथ पिटाई की थी। घटना के संबंध में 24 जुलाई को डॉ रवि देव ने गोमती नगर विस्तार थाने में रिपोर्ट भी लिखवाई थी।

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