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गरारे करना एक न्यूरोलॉजिकल व्यायाम, फायदे जानकार हो जायेंगे हैरान

-मध्य प्रदेश के पूर्व राज्य क्षय अधिकारी डॉ अतुल खराटे से ‘सेहत टाइम्स’ की विशेष वार्ता

डॉ अतुल खराटे

धर्मेन्द्र सक्सेना

लखनऊ। गरारे करना एक न्यूरोलॉजिकल rehabilitetive (पुनर्निवेशन) व्यायाम है। अपनी दिनचर्या में गरारे करना शामिल करके, आप अपनी वेगस तंत्रिका को टोन कर सकते हैं, जो भोजन पचाने के लिए पेट में एसिड बनाने से लेकर , हार्मोन और तनाव प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने से लेकर आपकी हृदय गति को प्रभावित करने तक हर चीज में मदद कर सकती है। यह एक छोटा, मुफ्त अतिरिक्त अभ्यास है जो आपके पाचन तंत्र में बड़ा बदलाव ला सकता है।

यह सलाह मध्य प्रदेश के पूर्व राज्य क्षय अधिकारी एवं संयुक्त संचालक स्वास्थ्य चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ अतुल खराटे ने ‘सेहत टाइम्स’ से विशेष वार्ता में देते हुए बताया कि यह व्यायाम Gut Brain Axis (आंत-मस्तिष्क अक्ष) में मदद करता है, जो विशेष रूप से आंतों की permability (पारगम्यता) “लीकी गट” से पीड़ित लोगों के लिए मददगार हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि आप उचित आहार/पूरक के साथ अपने (Leaky Gut)लीकी गट को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं और फिर भी पूरी तरह से सुधार नहीं देख रहे हैं, तो यह आपकी उपचार में एक महत्वपूर्ण कड़ी हो सकती है।

किस तरह से प्रभाव डालते हैं गरारे

इस व्यायाम के बारे में विस्तार से बताते हुए डॉ खराटे ने बताया किआपके गले के पीछे आपकी वोकल कॉर्ड आपकी वेगस तंत्रिका (नर्व) से जुड़ी होती हैं। गरारे करने, यहाँ तक कि ज़ोर से गाने, गुनगुनाने (humming)या मंत्रोच्चार करने से, आप वेगल टोन को बेहतर बनाने के लिए इस तंत्रिका(नर्व) को उत्तेजित करते हैं। वेगस तंत्रिका आपकी आंत को पेट में एसिड बनाने और भोजन को ठीक से पचाने में मदद करती है। उन्होंने बताया कि एक क्षतिग्रस्त या कम सक्रिय वेगस तंत्रिका के परिणामस्वरूप पेट में एसिड का स्तर और एंजाइम उत्पादन में कमी हो सकती है।

उन्होंने बताया कि गरारे करने का अभ्यास मस्तिष्क कनेक्शन को पुनः स्थापित करने और आपकी वेगस तंत्रिका को टोन करने में मदद करता है ताकि आप पाचक एंजाइम और पेट के एसिड को सही ढंग से secreate (जारी) कर सकें और आंत के स्वास्थ्य को सुधार सकें।

उन्होंने बताया कि Digestive (पाचन) बिटर भी वेगस तंत्रिका को उत्तेजित करते हैं और पाचन तंत्र में रिसेप्टर्स को (stimulate)प्रभावित करते हैं। संतरे के छिलके, सौंफ़ के बीज, डंडेलियन रूट और दालचीनी से बना बिटर पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने वाले पाचन रस के स्राव को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

यह भी करना होता है फायदेमंद

डॉ खराटे बताते हैं किअपनी वेगस तंत्रिका को टोन करने के लिए गरारे करने और डाइजेस्टिव बिटर्स के अलावा, कुछ अन्य चीजें हैं जो आप वेगल टोन को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं: जैसे

  • गाना, हंसना या गुनगुनाना
  • नाक से सांस लेना (अपने मुंह से सांस लेने से बचें)
  • गहरी और धीमी सांस लें
  • तनाव से बचें
  • ध्यान(Meditation) का अभ्यास करें
  • प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों सहित (Whole Food Diet)संपूर्ण खाद्य पदार्थ
    खाएं
  • व्यायाम करें
  • भारी धातुओं और रसायनों से बचें
  • क्रोनिक तनाव भी क्षतिग्रस्त या सूजन वाली वेगस तंत्रिका में एक बड़ा योगदान
    करता है।

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