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होम्योपैथी का कमाल : ओवरी में सिस्ट व गर्भाशय में फायब्रॉयड, बिना सर्जरी गायब, अल्ट्रासाउंड करने वाली डॉक्टर हैरान

-अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर स्त्री रोगों को लेकर डॉ गिरीश गुप्ता से विशेष बातचीत

डॉ गिरीश गुप्ता

सेहत टाइम्स

लखनऊ। ओवेरियन सिस्ट और गर्भाशय में फायब्रॉयड के दो ऐसे केस सामने आये हैं, जो होम्योपैथिक दवाओं से बहुत कम समय में ही ठीक हो गये। सिस्ट और फायब्रॉयड गायब होने वाली अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट देखकर जांच करने वाली डॉक्टर भी आश्चर्यचकित रह गयीं। ये दो मामले तो ताजे हैं, महिलाओं के ऐसे कई रोग, जिनके इलाज के लिए सामान्य तौर पर सर्जरी की सलाह दी जाती है, को होम्योपैथिक दवाओं से ठीक करते आ रहे है गौरांग क्लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्योपैथिक रिसर्च (जीसीसीएचआर) के चीफ कंसलटेंट डॉ गिरीश गुप्ता। अल्ट्रासाउंड जांच रिपोर्ट्स के सबूत के साथ ऐसे अनेक केसेस डॉ गुप्ता की लाइब्रेरी में मौजूद हैं।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सेहत टाइम्स ने डॉ गुप्ता से नारी शक्ति के स्वास्थ्य में होम्योपैथी की भूमिका के बारे में बात की। डॉ गिरीश ने बताया कि महिलाओं के बहुत से शारीरिक रोगों का कारण उनकी मनः स्थिति होता है। मनः स्थिति के चलते जब शरीर में हारमोंस की स्थिति बिगड़ती है तो ऐसे स्राव होते हैं जो शरीर के विभिन्न भागों में जाकर गांठ, फायब्रॉयड बना देते हैं। डॉ गिरीश ने बताया कि हाल ही में फरवरी माह में रोगमुक्त होने वाले दो ऐसे केसेस हैं, जिनमें अतिशीघ्र परिणाम आया है। इन केसेस में पहला केस 30 वर्षीय महिला का है, इस महिला की ओवरी में 53 X 40 X 38 मिलीमीटर की सिस्ट थी, यह महिला उनके पास पहली बार 16 जुलाई 2023 को आई थी।

ओवेरियन सिस्ट रिपोर्ट-पहले और बाद में

डॉक्टर गिरीश ने बताया कि जब महिला की हिस्ट्री ली गई तो मालूम हुआ कि शादी के तीन साल के इंतजार के बाद उसे संतान की प्राप्ति हुई थी परंतु दुर्भाग्यवश 10 माह की उम्र में उस बच्चे की मृत्यु हो गई। इस घटना से महिला को बहुत मानसिक कष्ट पहुंचा और वह अवसाद में रहने लगी। डॉ गुप्ता बताते हैं कि इसी वजह को मुख्य केंद्र बिंदु में रखकर महिला के लिए होम्योपैथिक दवा का चुनाव किया गया और उसे एक माह की दवा दे दी गई।

डॉ गुप्ता ने बताया कि इसके बाद यह महिला उनके पास नहीं आई। उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में फरवरी माह में वह महिला उनके पास अपनी किडनी में दिक्कत लेकर आई, जब बात चली तो डॉ गिरीश ने उस महिला से ओवेरियन सिस्ट के बारे में जानकारी ली तो बताया कि मुझे कोई दिक्कत नहीं हो रही थी तो मैंने दवा बंद कर दी थी, इस पर डॉ गुप्ता ने उसे ओवरी की अल्ट्रासाउंड जांच कराने की सलाह दी। 11 फरवरी 2024 को जब महिला ने अल्ट्रासाउंड कराया तो ओवरी में सिस्ट नहीं मिली।

यूट्राइन फायब्रॉयड रिपोर्ट-पहले और बाद में

डॉ गुप्ता बताते हैं दूसरे केस में दिसंबर 2023 में 19 वर्षीय युवती अपने पिता के साथ उनके पास अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के साथ आयी। उसे गर्भाशय में फायब्रॉयड (यूट्राइन फायब्रॉयड) की शिकायत थी। उन्होंने बताया कि युवती से जब उसकी हिस्ट्री जानी गई तो मालूम हुआ कि बचपन से उसने माता-पिता को अक्सर झगड़ा करते देखा यह सब देखकर वह बहुत परेशान रहने लगी वह सोचती कि क्या करूं कहीं चली जाऊं, वह कहती थी इन दोनों के बीच में मैं पिसती हूं, मेरी क्या गलती है, धीरे-धीरे इस बात को लेकर वः बहुत परेशान रहने लगी। डॉ गिरीश ने बताया कि इस तनाव को मुख्य केंद्र बिंदु में रखकर युवती के लिए दवा का चुनाव कर उसे दवा दी गयी। डॉ गुप्ता ने बताया कि युवती ने दवा खानी शुरू की इस बीच जिज्ञासावश उसने 5 फरवरी 2024 को अल्ट्रासाउंड कराया तो देखा कि यूट्रेस से फायब्रॉयड गायब हो चुका था।

डॉ गुप्ता ने बताया कि महिलाओं में होने वाले अनेक प्रकार के रोगों को बिना सर्जरी सिर्फ होम्योपैथिक दवाओं से ठीक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रकार के सपने आना, डर लगना, घबराहट, चिंता, आघात, इच्छा-आकांक्षा का पूरी ना होना, आर्थिक हानि, गुस्सा, भ्रम की स्थिति होना, अत्यधिक दुखी होना जैसे कारणों के चलते पैदा हुई मनः स्थिति से होने वाले इन रोगों के उपचार के लिए मनः स्थिति को केंद्र में रखकर दवा दी गई तो जहां उसकी मनः स्थिति सामान्य हुई वहीं बिना शल्य क्रिया के शारीरिक व्याधियां भी दूर हो गईं।

उन्होंने बताया कि यूट्राइन फायब्रॉयड, ओवेरियन सिस्‍ट, पॉलिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, ब्रेस्‍ट लीजन्‍स, नेबोथियन सिस्‍ट, सर्वाइ‍कल पॉलिप जैसे स्‍त्री रोगों के होम्‍योपैथिक दवाओं से उपचार पर उन्होंने एक पुस्तक एवीडेंस बेस्‍ड रिसर्च ऑफ होम्‍योपैथी इन गाइनीकोलॉजी (Evidence-based Research of Homoeopathy in Gynaecology) लिखी है, इसमें रिसर्च का विस्‍तार से वर्णन किया गया है। यह पुस्तक Amazon पर उपलब्ध है।

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