-भारत में बढ़ रहे हैं ऑस्टियोपोरोसिस के मामले, बनती जा रही मूक महामारी
-यूनाइटेड किंगडम को कर्मक्षेत्र चुनने वाली जॉर्जियन डॉ इरा पांडेय ने प्रस्तुत किया व्याख्यान
-केजीएमयू के स्थापना दिवस पर आयोजित जॉर्जियन मीट में आयी हैं हिस्सा लेने
सेहत टाइम्स
लखनऊ। विश्व में 50 वर्ष की आयु से ऊपर की तीन महिलाओं में से एक और पांच पुरुषों में से एक ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित है। 2010 में हुई स्टडी के अनुसार एशिया में 1980 से तीन दशकों में ऑस्टियोपोरोसिस के तीन गुना केस बढ़े हैं, इनमें चीन भारत क्रमश: पहले और दूसरे नम्बर पर हैं। इसकी बड़ी वजह लोगों का खानपान, जीवनशैली और बढ़ती जनसंख्या व औसत आयु में बढ़ोतरी होना है। स्टडी के अनुसार भारत में 26 मिलियन ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज पाये गये थे। वर्ष 2010 के बाद कोई ऐसी स्टडी नहीं हुई है।
यह बात यहां किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित एलुमनाई मीट में भाग लेने यूनाइटेड किंगडम से आयीं 1981 बैच की जॉर्जियन डॉ इरा पाण्डेय ने अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कही। अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेन्शन सेंटर में आयोजित समारोह में ऑस्टियोपोरोसिस एक मूक महामारी विषय पर व्याख्यान देते हुए डॉ इरा ने कहा कि भारत में लोगों में विटामिन डी की कमी पायी जाती है, इसकी बड़ी वजह धूप न सेंकना है, उन्होंने कहा कि यही नहीं धूप में जब निकलते भी हैं तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं, इसके अतिरिक्त शरीर कपड़ों से ज्यादा ढंके होने की वजह से भी शरीर को सीधे धूप नहीं मिल पाती है। व्यायाम में कमी, खाने-पीने में कैल्शियम की कमी, अल्कोहल का सेवन, प्रदूषण जैसी अन्य वजहें भी ऑस्टियोपोरोसिस के मामले बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि भारत में 4.4 लाख लोग प्रतिवर्ष हिप फ्रैक्चर के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष 20% लोगों का एक हिप फ्रैक्चर हो जाता है और इनमें से 25 फ़ीसदी लोगों का 12 महीने के अंदर दूसरी तरफ के हिप में भी फ्रैक्चर हो जाता है इसके बाद मृत्यु की संभावना और बढ़ जाती है।