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स्वास्थ्य विभाग में गलत तरीके से एसीपी स्वीकृत कर दिया जा रहा ज्यादा वेतन

-महानिदेशक ने सभी जनपदों के उच्च अधिकारियों को भेजे निर्देश, कहा, नियुक्ति प्राधिकारी ही करेगा एसीपी स्वीकृत, पुराना रिकॉर्ड मंगवाया


सेहत टाइम्स
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में परिधिगत स्तर पर कार्यरत कार्मिकों की आश्वासित कैरियर प्रगति (एसीपी) परिधिगत अधिकारियों द्वारा अपने कार्यालय में कार्यरत लिपिकों के माध्यम से स्वीकृत करने के मामले सामने आये हैं, जबकि नियमानुसार एसीपी की स्वीकृति नियुक्ति प्राधिकारी महानिदेशक अथवा महानिदेशालय पर तैनात अधिकारी द्वारा दी जानी चाहिये। इस सम्बन्ध में महानिदेशक ने प्रदेश के सभी जिलों में कार्यरत उच्च अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है ​कि नियमों के विपरीत किए जा रहे इस कार्य के कारण कतिपय कार्मिकों को अनुमन्य वेतन से ज्यादा और त्रुटि पूर्ण वेतन निर्धारण हो रहा है जिसके कारण जहां राजस्व की क्षति हो रही है वही उनके समकक्ष कार्मिक, जो उनसे कम वेतन पा रहे हैं, के द्वारा भी उनके समान वेतन की मांग की जा रही है, यही नहीं, अनुमन्य न होने की स्थिति में न्यायालय में वाद दाखिल किए जा रहे हैं, जिसमें शासकीय धन एवं समय का अनावश्यक व्यय हो रहा है।


महानिदेशक द्वारा सभी निदेशकों, प्रमुख अधीक्षकों, अपर निदेशकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों एवं आर एच एफ डब्ल्यू टी सी के सभी प्रधानाचार्यों को पत्र भेज कर निर्देश दिये गये हैं कि अपने अधीनस्थ कार्यरत समस्त कार्मिकों, जिनके नियुक्ति प्राधिकारी महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें उत्तर प्रदेश अथवा महानिदेशालय स्तर के अधिकारी हैं, की एसीपी की स्वीकृति के लिए नियमानुसार कार्यवाही करते हुए नियुक्ति प्राधिकारी के स्तर से अनुमोदन प्राप्त करने के उपरांत ही स्वीकृत किया जाए।

पत्र में लिखा है कि फार्मासिस्ट एवं एक्सरे टेक्नीशियन संवर्ग के नियुक्ति प्राधिकारी यद्यपि जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक हैं, किंतु उनके एसीपी प्रकरणों को भी महानिदेशालय प्रेषित करते हुए महानिदेशक से अनुमोदन अवश्य प्राप्त करें। साथ ही यह भी कहा गया है कि आपके अधीनस्थ कार्यरत कार्मिकों के संबंध में विगत वर्षों में जिन कर्मचारियों को एसीपी स्वीकृत किया गया है, के सर्विस बुक, सेवा अभिलेखों का परीक्षण करते हुए उनकी सूचना एवं प्रमाण पत्र भी महानिदेशालय को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें जिससे उनके वेतन निर्धारण आदि का परीक्षण महानिदेशालय स्तर पर करते हुए वेतन विसंगतियां त्रुटियों को दूर किया जा सके।

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