-इप्सेफ ने कहा, अल्प वेतनभोगी, आउटसोर्सिंग कर्मी कैसे चलायें घर

सेहत टाइम्स
लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस सेंटर फेडरेशन (इप्सेफ) ने कहा है कि भारत सरकार बताए कि निरंतर बढ़ती भीषण महंगाई का जिम्मेदार कौन है सरकार, जनता या व्यापारी। सरकार यह भी भी बताए कि अल्प वेतनभोगी एवं आउटसोर्सिंग आदि नौकरीपेशा कर्मचारी अपने परिवार की रोटी एवं अन्य खर्चे कैसे चलाएं।
इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र एवं महामंत्री प्रेमचंद्र ने कहा है कि देश भर में रोजाना बढ़ रही महंगाई से नौकरी पेशा कर्मचारी परिवार दो जून की रोटी खाना एवं अन्य खाद्य सामग्री खरीदने में असमर्थ हो गया है। वह अपने बच्चों की शिक्षा दीक्षा वहन करने में भी असमर्थ हो गया है।
वी पी मिश्र ने कहा है कि भारत सरकार कहती है कि देश तरक्की कर रहा है, क्या तरक्की के मायने नौकरीपेशा, अल्प एवं मध्यम श्रेणी कर्मचारी को भुखमरी के ओर ले जाना है़ ? उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण नौकरीपेशा वाले लोग आंदोलन करने को मजबूर हो जाते हैं, ऐसा कई देशों में हुआ है।
इप्सेफ ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि बढ़ती जा रही महंगाई को रोकें अन्यथा देशभर के मेहनतकश लोग सड़कों पर उतर कर सरकार के विरुद्ध आवाज बुलंद करने को बाध्य हो जाएंगे, जिसका उत्तरदायित्व सरकार में बैठे लोगों का ही होगा।
सचिव अतुल मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में महंगाई की हालत बहुत ही खराब है। सब्जियां 80-100 रु किलो तथा दालें 200 रुपये किलो एवं आटा 35 तथा अन्य खाद्य सामग्री के दाम दूने हो गए हैं। प्रदेश सरकार की इच्छा हो तो सख्ती करने से कीमत गिर सकती हैं।

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