-हरिद्वार में आयोजित एक कार्यक्रम में बाबा ने एलोपैथी को जमीन में गाड़ने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया
सेहत टाइम्स
लखनऊ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, लखनऊ के प्रवक्ता डॉ वीरेन्द्र यादव ने कहा है कि बाबा रामदेव का यह बयान, कि एलोपैथी को जमीन में गाड़ देंगे, मिट्टी में मिला देंगे, ओछा बयान है। आयुर्वेद को आप सोना बना दीजिये लेकिन ऐलोपैथी या किसी भी दूसरी पैथी को मिट्टी में मिला देंगे, यह कहना कहां तक जायज ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों वे ऐसे बयान देते हैं, उनकी एलोपैथी के बारे में कितनी समझ है जो वह इस तरह के बयान देते हैं।
उन्होंने कहा कि कहा जाता है कि आयुर्वेद वाले नब्ज पकड़कर रोग के बारे में बता देते थे, तो क्या इन्होंने इसे किसी को यह सिखाया कि नब्ज पकड़कर रोग कैसे पहचाना जा सकता है। उन्होंने कहा कि कितने आयुर्वेदाचार्य हैं जो नब्ज पकड़ कर बता सकते हैं कि क्या रोग है। उन्होंने कहा कि बाबा कहते हैं कि एलोपैथी लोगों को और बीमार बना रही है। इस विषय में मेरा कहना है कि कोरोना के समय में काढ़ा बनाकर पीने की बात कही गयी थी, उसके बात पता चला कि काढ़ा का सेवन करके लोगों को गैस्ट्राइटिस, वूमिटिंग और होने लगी। जब इस बारे में आयुर्वेदाचार्य से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि लोगों ने काढ़ा ज्यादा पी लिया होगा, ऐसे में मेरा प्रश्न है कि क्या कहीं इसकी मात्रा के बारे में कहा गया है, कि कितनी मात्रा में लेना है, कहीं आपने इस पर कोई रिसर्च की है, कोई डाटा है।
उन्होंने कहा कि मेरी सलाह है कि बजाए एलोपैथी को भला-बुरा कहने के, ये आयुर्वेद पर रिसर्च करें, उसके साइड इफेक्ट क्या हैं, इसका नोटिफिकेशन करें, उसकी मात्रा निर्धारित करें कि यह कितना लेना चाहिये।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बाबा रामदेव ने यह विवादित बयान हरिद्वार में ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी के समापन अवसर पर वहां मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए दिया है।