-शासी निकाय की बैठक में डिप्लोमा इन डायलिसिस सहित कई पाठ्यक्रमों को भी हरी झंडी
-मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में 25 एजेंडा पारित किये गये
सेहत टाइम्स
लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान एसजीपीजीआई में जन्मजात हृदय रोगों के लिए एक नए केंद्र Centre of congenital diseases की स्थापना को शासी निकाय की मंजूरी मिल गयी है। यह मंजूरी 97वीं शासी निकाय की आज लोक भवन में संपन्न हुई बैठक में दी गयी, बैठक की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने की। मुख्य सचिव ने कहा कि मानकों में सुधार कर एसजीपीजीआई को एम्स दिल्ली से आगे ले जाने की आवश्यकता है।
शासी निकाय की बैठक में संस्थान के निदेशक प्रो आर के धीमन और एक्सक्यूटिव रजिस्ट्रार कर्नल वरुण वाजपेयी ने संस्थान से संबंधित एजेंडा को प्रस्तुत किया। शासी निकाय द्वारा कुल 25 एजेंडा पारित किए गए, जिसमें जन्मजात हृदय रोगों के लिए एक नए केंद्र का प्रस्ताव शामिल था। यह प्रस्ताव ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के परिणामस्वरूप अमल में आया, जहां सलोनी हार्ट फाउंडेशन द्वारा पूर्ण रूप से सुसज्जित केंद्र चलाने के लिए चार चरणों में निवेश किया जायेगा।
केंद्र को 30 बेड से स्टार्ट कर 200 बेड तक ले जाने की योजना
यह केंद्र प्रारम्भ में 30 बेड और एक ऑपरेशन थियेटर से शुरू किया जायेगा, इसके बाद इसका विस्तार करते हुए वर्ष 2025 तक सलोनी हार्ट फाउंडेशन से मिलने वाली धनराशि से निर्मित नये भवन में शिफ्ट किया जायेगा। इस सेंटर को विस्तारित करते हुए वर्ष 2027 तक 100 बेड तथा 2029 तक 200 बेड तक किये जाने की योजना है। इस केंद्र के पूरी तरह कार्य करने की स्थिति में 5000 ऑपरेशन किये जाने का लक्ष्य है। इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी, डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियक एनेस्थीसिया, डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियक क्रिटिकल केयर, डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियक रेडियोलॉजी की स्थापना की आवश्यकता होगी।
इसके अतिरिक्त मेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज में नए पाठ्यक्रम, जैसे डायलिसिस में डिप्लोमा और कुछ और पाठ्यक्रमों को शासी निकाय द्वारा अनुमोदित किया गया। शासी निकाय ने पीजीआई के लिए विजिटिंग फैकल्टी स्कीम को भी मंजूरी दी।