-कई जगह से निराश मरीज को केजीएमयू में मिली सर्जरी की आस

सेहत टाइम्स
लखनऊ। हीमोफीलिया रोग से ग्रस्त 53 वर्षीय पुरुष की जटिल सफल सर्जरी कर केजीएमयू के सर्जन प्रो सुरेश कुमार ने मरीज को नया जीवन दिया है। ज्ञात हो इस बीमारी में शरीर में फैक्टर 8 की कमी हो जाती है, जिस कारण शरीर के बाहर रक्त बहने की स्थिति में रक्तस्राव बंद नहीं होता है, इसे देखते हुए ऐसे मरीज की सर्जरी करना बेहद जटिल हो जाता है। इसीलिए मरीज की सर्जरी करने से अनेक चिकित्सकों द्वारा इनकार करने से निराश इस मरीज को केजीएमयू में आकर राहत मिली।
केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया है कि पीलीभीत निवासी 53 वर्षीय मरीज को 25 वर्ष की आयु से हीमोफीलिया की शिकायत है। रोगी जब हेमेटोलॉजी विभाग में उपचार के लिए आया तो उस समय उसकी छाती की चमड़ी और फेफड़े के चारों ओर गंदा खून जमा हो गया था, जिससे उसे जान का खतरा था, जमे हुए गंदे खून को शल्य चिकित्सा के माध्यम से निकाला जा सकता था।

विज्ञप्ति में बताया गया है कि रोगी अपनी इस समस्या को दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में दिखा चुका था। वहां से निराश रोगी ने केजीएमयू में प्रो ए के त्रिपाठी और डा. एस पी वर्मा से संपर्क किया। प्रो ए के त्रिपाठी ने उनकी चिकित्सा आरंभ की। रोगी को विस्तार से बताया कि इस प्रकार की जटिल चिकित्सा के लिए केजीएमयू उत्कृष्ट संस्थान है। उसके बाद उन्होंने रोगी को सर्जरी के प्रो सुरेश कुमार के पास भेजा।
प्रो सुरेश ने चुनौती स्वीकार करते हुए रोगी की शल्य चिकित्सा करने की ठान ली। फैक्टर 8 की व्यवस्था की गई। स्टाफ नर्स, OT technitians और residents के साथ मिलकर गहन चिंतन किया गया। रोगी की सर्जरी की गई और उसके बाद उन्हें डा. अविनाश अग्रवाल की निगरानी में रखा गया। अब रोगी पूर्णतः सही है। उन्होंने अपनी सफल सर्जरी के लिए प्रो सुरेश कुमार को साधुवाद दिया।
कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें प्रो सुरेश और जनरल सर्जरी विभाग पर गर्व है जिन्होंने इस प्रकार की जटिल सर्जरी की चुनौती को स्वीकार कर प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाया।

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