-हैनिमैन कॉलेज ऑफ होम्योपैथी ने आयोजित किया इंटरनेशनल सेमिनार और ग्रेजुएशन सेरेमनी
-कैंसर, एप्लास्टिक एनीमिया जैसे रोगों के सफल इलाज के बारे में दिया गया प्रेजेन्टेशन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। यूनाइटेट किंगडम (यूके) स्थित हैनिमैन कॉलेज ऑफ होम्योपैथी (एचसीएच) द्वारा 24 नवम्बर को यहां राजधानी लखनऊ में एक इंटरनेशनल होम्योपैथिक सेमिनार तथा एचसीएच ग्रेजुएशन सेरेमनी का आयोजन किया गया। इस मौके पर एचसीएच के प्रधानाचार्य डॉ शशि मोहन शर्मा के साथ ही देशभर से करीब 200 लोगों ने हिस्सा लेकर जहां विभिन्न प्रकार के रोगों पर की गयी रिसर्च और स्टडी के बारे में अपनी उपलब्धियों को बताया वहीं ग्रेजुएशन सेरेमनी में एचसीएच से पीजी होम्यो-लंदन डिस्टेंस कोर्स करने वाले चिकित्सकों को दीक्षांत समारोह की तर्ज पर कोर्स कम्प्लीशन सर्टिफिकेट प्रदान किये गये। लाल गाउन में फैकल्टी और काले गाउन में छात्र-छात्राओं ने समारोह में पारम्परिक तरीके से शिरकत की।
यहां निरालानगर स्थित एक होटल में दीप प्रज्ज्वलन के साथ पूर्वान्ह शुरू हुआ समारोह शाम को समाप्त हुआ। प्रधानाचार्य डॉ शशि मोहन शर्मा ने गर्मजोशी के साथ किये गये सम्बोधन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जेवीडब्ल्यूयू जयपुर के डीन एंड डाइरेक्टर फैकल्टी ऑफ होम्योपैथिक साइंस डॉ एमपी शर्मा तथा अन्य अतिथियों डॉ गिरीश गुप्ता, डॉ नरेश अरोरा, डॉ हेमंत सचान, डॉ एके द्विवेदी, डॉ आरएन वाही, डॉ सत्य प्रकाश का स्वागत करते हुए समारोह में शामिल होने के लिए आभार जताया। उन्होंने होम्योपैथी की सिम्पल परिभाषा बताते हुए कहा कि इधर लक्षण हैं उधर दवाएं हैं, आपको इलाज करना है, यही होम्योपैथी है।
उन्होंने बताया कि किस प्रकार उनके यूके स्थित हैनिमैन कॉलेज ऑफ होम्योपैथी द्वारा संचालित किये जा रहे पीजी होम्यो-लंदन डिस्टेंस कोर्स करने के लिए भारतीयों में रुझान बढ़ रहा है। डॉ शशि मोहन शर्मा ने होम्योपैथिक की यूजी शिक्षा 1972 में यहीं के नेशनल होम्यापैथिक कॉलेज से ली है तथा पीजी लंदन से किया है। उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। इस मौके पर गौरांग क्लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्योपैथिक रिसर्च के संस्थापक डॉ गिरीश गुप्ता ने अपनी लिखी पुस्तक ‘एक्सपेरिमेंटल होम्योपैथी’ डॉ शशि मोहन गुप्ता को भेंट की।
सेमिनार सेशन की शुरुआत डॉ जयेश एन पटेल के एक्जिमा और डर्मिटाइटिस के होम्योपैथिक दवाओं से इलाज पर प्रेजेन्टेशन से हुई। इसके बाद लुधियाना से आये डॉ एमएस बिन्द्रा ने कैंसर के मरीजों के होम्योपैथिक दवाओं से सफल इलाज किये हुए अपने केसेज के बारे में बताया। उन्होंने एक खास बात यह कही कि कैंसर का कारण मानसिक सोच है। उन्होंने कैंसर के उपचार में कई टारगेटेड मेडिसिन के बारे में भी जानकारी दी।
एक अन्य विशेषज्ञ डॉ एके द्विवेदी ने एक गंभीर बीमारी एप्लास्टिक एनीमिया के होम्योपैथिक उपचार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बहुत से ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से बोन मैरो पर असर पड़ता है और एनीमिया हो जाता है। उन्होंने कहा कि रोज का काम करते-करते भी लगातार थकान हो जाती हो तो सीबीसी की जांच करा कर देख लेना चाहिये कि हीमोग्लोबिन कम तो नहीं है, क्योंकि एप्लास्टिक एनीमिया शरीर में खून की कमी से ही होता है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा दर्द वाली दवा के अत्यधिक सेवन, लम्बे समय तक स्टेरॉयड के सेवन से भी हीमोग्लोबिन कम हो जाता है।
डॉ रेनू महेन्द्र ने अपने प्रेजेन्टेशन में स्त्री एवं प्रसूति रोगों में सेन्सेशन के दुर्लभ लक्षणों वाले केसेज के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लगातार गर्भपात होने, पीसीओडी तथा बांझपन के रोगियों का होम्योपैथी से अपने किये गये सफल इलाज के बारे में बताया।