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स्‍केच के माध्‍यम से गुरु प्रो मेहदी हसन को याद किया स्‍क्‍वाड्रन लीडर डॉ बेला शर्मा ने

-ऐरा विश्‍वविद्यालय में पद्मश्री प्रो मेहदी हसन को याद किया उनके शिष्‍यों ने

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। पद्मश्री सम्मान से सम्मानित प्रोफेसर मेहदी हसन को शुक्रवार को एरा विश्वविद्यालय में उनके शिष्यों ने याद किया। इस मौके पर एयरफोर्स से रिटायर स्क्वाड्रन लीडर डॉ बेला शर्मा ने अपनी स्केच पेंटिंग की प्रदर्शनी को मेहदी हसन के नाम पर समर्पित करते हुए कहा कि उनका रिश्ता प्रोफेसर मेहदी हसन से 41 वर्ष पुराना है। मेहदी हसन सिर्फ एक अच्छे शिक्षक ही नहीं बल्कि अभिभावक थी थे। वो अपने शिष्यों की प्रत्येक समस्या के समाधान के लिए तैयार रहते थे।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की 1981 एमबीबीएस बैच की छात्रा बेला शर्मा ने कहा कि मेहदी हसन को पढ़ाने का गुण आता था, वो पढ़ाई के अलग-अलग तरीके अपनाते थे, ताकि प्रत्येक छात्र के दिमाग में हर बात घुस जाये। उनके पढ़ाये गये एक-एक पॉइंट चार दशक बाद में मुझे याद हैं। उन्होंने बतया कि जब कोई छात्र एमबीबीएस में प्रवेश लेता है तो उसे एनाटमी का ए भी नहीं आता है, लेकिन मेहदी हसन के पढ़ाने का तरीका ऐसा था कि प्रत्येक छात्र एनाटमी का जानकार हो जाता था। वो विषय से हट कर भी अपने छात्रों का खयाल रखते थे। वाइवा हो, घरेलू समस्या हो या फिर हॉस्टल की दिक्कत वो छात्रों की हर समस्या के समाधान का प्रयास करते थे।

डॉ बेला ने कहा कि नौकरी के दौरान भी वो अपनी प्रशासनिक समस्या का जिक्र उनसे करती थीं और वो उसे हल करने का प्रयास करते थे। डॉ बेला ने 2018 से स्केच बनाना शुरू किया था, उन्होंने कहा कि इसे बाद वो अपने मन की बात स्केच के माध्यम से ही करने लगी। इस मौके पर एरा विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ फरजाना मेहदी ने कहा कि प्रोफेसर मेहदी हसन सिर्फ क्लास रूम के ही शिक्षक नहीं, बल्कि वो सड़क पर चलते फिरते भी ज्ञान देते थे, उन्हें भी उनसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है।

प्रोफेसर मेहदी हसन के पुत्र डॉ अब्बास अली मेहदी ने कहा कि उनके पिता अपने छात्रों के प्रति पूरी तरह समर्पित थे, उनके लिए कोई समय निर्धारित नहीं था। शिक्षा हासिल करने वालों के लिए उनके घर के दरवाजे हमेशा खुले रहते थे। अक्सर वो देर रात तक लोगों से विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करते थे। इस मौके पर एरा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ एमएमए फरीदी, डॉ मिर्जा वेकार बेग, डॉ साबिरा हबीब और डॉ जेबा सिद्दीकी सहित कई चिकित्सकों ने प्रोफेसर मेहदी हसन को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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