-मस्तिष्क से जुड़ी शिराओं को बचाते हुए की जाने वाली जटिल न्यूरो सर्जरी सीख सकेंगे देश भर के चिकित्सक
सेहत टाइम्स
लखनऊ। नाक, कान, गले के साथ ही मस्तिष्क जैसे नाजुक अंगों को बचाते हुए ट्यूमर व अन्य बीमारियों के उपचार के लिए किये की जाने वाली जटिल सर्जरी को सफलता पूर्वक अंजाम देने के लिए भारत की एकमात्र न्यूरो ओटोलॉजी स्किल लैब संजय गांधी पीजीआई में न्यूरो ओटोलॉजी यूनिट में स्थापित की गयी है, यहां न सिर्फ ऐसी सर्जरी की जायेगी बल्कि इस सर्जरी का प्रशिक्षण दूसरे चिकित्सकों को दिया जायेगा। इस स्किल लैब का उद्घाटन आज न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो राजकुमार द्वारा किया गया।
प्रो राजकुमार ने बताया कि न्यूरो ओटोलॉजी में कई चुनौतीपूर्ण और गंभीर केस आते हैं, जिनमें स्कल बेस व लेटरल स्कल बेस से संबंधित बीमारियां या ट्यूमर होते हैं। उन्होंने बताया कि मस्तिष्क के बेस पर बहुत ही जीवन्त संरचनाएं होती हैं जहां शिराओं से रक्त हृदय की तरफ और हृदय से रक्त धमनियों के माध्यम से मस्तिष्क की तरफ जाता है। उन्होंने बतया कि कुछ शिराओं और तंत्रिकाओं के मध्य स्थान मिली मीटर में होता है और ये ऐसे तंत्र का निर्माण करते हैं जिनकी रक्षा हर हाल में करनी होती है। उन्होंने बताया कि यहां पर होने वाले कैंसरयुक्त व बिना कैंसर वाले ट्यूमर अस्पताल तक आते-आते बड़ा रूप ले लेते हैं।
उन्होंने बताया कि इन ट्यूमर को निकालने वालों की संख्या देश-दुनिया में बहुत कम है क्योंकि इस जगह पर नाक, कान, गले की संरचनाएं होती हैं या ब्रेन होता है, तथा इस एरिया के ऑपरेशन के लिए एक मिली-जुली टीम की आवश्यकता होती है, इसीलिए विभाग में न्यूरो ऑटोलॉजी टीम होती है जो मुश्किल से मुश्किल ऑपरेशन को अंजाम देती है। डॉ राजकुमार ने बताया कि स्किल लैब होने के बाद अब यहां देश के कोने-कोने से आने वाले चिकित्सकों को जटिल न्यूरो सर्जरी और स्कल बेस सर्जरी का प्रशिक्षण दिया जा सकेगा, यहां आनुभाविक शोध भी किया जा सकेगा।
इस मौके पर विभाग के संकाय सदस्यों में प्रो अरुण कुमार श्रीवास्तव, डॉ अमित कुमार केसरी, डॉ एम रविशंकर सहित अन्य चिकित्सक, रेजीडेंट डॉक्टर, तकनीकी कर्मचारी व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।