-साढ़े चार घंटे के अंदर मरीज को मिल जाये दवा तो बच सकता है लकवा से होने वाला नुकसान
सेहत टाइम्स
लखनऊ। स्ट्रोक्स यानी लकवा या फालिज का अटैक पड़ने की स्थिति में क्या करना चाहिये इसके बारे में मेदान्ता हॉस्पिटल के डॉ रवि शंकर ने बताया कि स्ट्रोक यानी पक्षाघात लकवा को कैसे पहचानें जिससे कि साढ़े चार घंटे के अंदर इसकी दवा, जो आजकल हर जिला अस्पताल में उपलब्ध है, मिल जाये तो मरीज को चलने-फिरने लायक बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि लकवा को पहचानने के लिए BE FAST शब्द याद रखना है।
रविवार को इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन की लखनऊ शाखा द्वारा यहां आईएमए भवन में आयोजित स्टेट लेवल रिफ्रेशर कोर्स एवं एक वृहद सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) में डॉ रविशंकर ने रीसेन्ट एडवांसेज इन स्ट्रोक मैनेजमेंअ विषय पर बोलते हुए कहा कि BE FAST के जरिये हम पक्षाघात के मरीज को पहचान सकते हैं। उन्होंने बताया कि बी से बैलेंस यानी व्यक्ति के चलने में बैलेंस है या नहीं, ई से आई यानी अगर उसे एकाएक देखने में दिक्कत जैसे आधा दिखना, एक तरफ की रोशनी चली जाना हुआ हो, एफ से फेस यानी चेहरे की कमजोरी, ए से आर्म यानी बांह की कमजोरी, एस से मतलब स्पीच यानी बोलने में दिक्कत और टी से टाइम यानी इनमें से कोई भी या सभी लक्षण दिखें तो जल्दी से जल्दी मरीज को लेकर हॉस्पिटल पहुंच जायें जिससे कि पक्षाघात से बचाने वाला इंजेक्शन लग जाये।